Chandana Bauri: बंगाल में दिहाड़ी मजदूर की पत्नी चंदना बाउरी बनी भाजपा विधायक, बैंक खाते में सिर्फ 6335 रुपये
Chandana Bauri भाजपा नेता सुनील देवधर ने ट्वीट कर जानकारी दी कि चंदना बाउरी की जमापूंजी कुल 31985 रुपये है। चंदना अनुसूचित जाति से आती हैं झोपड़ी में रहती हैं वह एक मजदूर की पत्नी हैं और संपत्ति के नाम पर उनके पास तीन गाय और तीन बकरियां हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Chandana Bauri: बंगाल विधानसभा चुनाव में भले ही भाजपा का प्रदर्शन आशानुरूप नहीं रहा हो, लेकिन पार्टी की एक महिला विधायक की जीत खूब चर्चा में है। एक दिहाड़ी मजदूर की पत्नी 30 वर्षीय चंदना बाउरी के विधानसभा पहुंचने की कहानी से हर कोई हैरान है। भाजपा के टिकट पर बांकुड़ा जिले की सालतोड़ सीट से चुनाव लड़ने वाली चंदना बाउरी ने 4,000 वोटों से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार संतोष कुमार मंडल को शिकस्त दी है। एक झोपड़ी में रहकर गुजर करने वालीं चंदना की कहानी इंटरनेट मीडिया पर भी वायरल हो रही है। चंदना बाउरी की जीत इसलिए भी चर्चा में है, क्योंकि वो एक साधारण परिवार से आती हैं और संपत्ति के नाम पर उनके पास एक झोपड़ी और कुछ पैसे हैं। भाजपा नेता सुनील देवधर ने ट्वीट कर जानकारी दी कि चंदना बाउरी की जमापूंजी कुल 31,985 रुपये है। उन्होंने बताया कि चंदना अनुसूचित जाति से आती हैं, झोपड़ी में रहती हैं, वह एक मजदूर की पत्नी हैं और संपत्ति के नाम पर उनके पास तीन गाय और तीन बकरियां हैं।
बैंक खाते में सिर्फ 6335 रुपये
चुनाव आयोग में दिए गए शपथ पत्र में चंदना के बैंक खाते में सिर्फ 6335 रुपये हैं। संपत्ति के नाम पर चंदना के पास तीन गाय, तीन बकरी, एक झोपड़ी और बैंक में जमा नकद मिलाकर कुल 31,985 रुपये हैं। चंदना के घर में शौचालय भी नहीं है। पार्टी के प्रति वह इतनी ज्यादा समर्पित थीं कि प्रचार के लिए रोजाना कमल के प्रिंट वाली भगवा रंग की साड़ी पहनकर निकलती थीं।
मजदूर है चंदना का पति
बताया जा रहा है कि चंदना बाउरी के पति श्रबन मजदूरी करते हैं। वह राजमिस्त्री का काम करते हैं। पति और पत्नी दोनों मनरेगा में पंजीकृत मजदूर हैं। उनके तीन बच्चे भी हैं। चंदना पिछले सात-आठ साल से भाजपा से जुड़ी हुई हैं।
ज्वलंत मुद्दों पर लोगों से वोट मांगा
चंदना अपने क्षेत्र में लोगों के बीच गईं और भाजपा की खूबियां गिनाते हुए टीएमसी पर हमला बोला। वह गंगाजलघाटी के केलाई गांव स्थित अपने घर से रोजाना सुबह आठ बजे चुनाव प्रचार के लिए निकलती थीं। उन्होंने लोगों से महिला संबंधी अपराधों, गरीबी, शिक्षा और पीने के पानी जैसे मुद्दों पर वोट मांगा।