उत्तर-पूर्व भारत में केएलओ की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहीं केंद्रीय खुफिया एजेंसियां, धरपकड़ को चलाया जा रहा अभियान
Kamtapur Liberation Organization केंद्रीय खुफिया एजेंसियां उत्तर-पूर्व भारत में कामतापुर लिबरेशन आर्गानाइजेशन (केएलओ) की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है। उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार और असम व भूटान के सीमावर्ती इलाकों पर विशेष नजर रखी जा रही है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : केंद्रीय खुफिया एजेंसियां उत्तर-पूर्व भारत में कामतापुर लिबरेशन आर्गानाइजेशन (केएलओ) की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रही है। उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार और असम व भूटान के सीमावर्ती इलाकों पर विशेष नजर रखी जा रही है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही केएलओ के प्रमुख जीवन सिंह ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से वीडियो संदेश देकर कहा था कि उनका संगठन अपनी मांगों को लेकर फिर से सक्रिय हो रहा है। जीवन सिंह ने नए सिरे से अलग राज्य की मांग उठाई है।
उसने पृथक राज्य का मानचित्र भी पेश किया है। इसके बाद से ही केंद्रीय खुफिया एजेंसियां उसकी तलाश में जुट गई हैं। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद जीवन सिंह के इस तरह के वीडियो संदेश को बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है। तालिबान के साथ केएलओ का कोई संबंध है या नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जीवन सिंह के उत्तर-पूर्व भारत के सीमावर्ती अंचल के किसी जंगल में छिपे होने का अनुमान है। यह भी पता चला है कि उसके साथ अभी बहुत ज्यादा लोग नहीं हैं।
गौरतलब है कि केएल ओ उत्तर-पूर्व भारत में सक्रिय उग्रवादी संगठन है, जिसकी स्थापना 28 दिसंबर, 1995 को हुई थी। केएलओ बंगाल, असम व बिहार के कुछ जिलों और नेपाल के एक हिस्से को लेकर अलग राज्य चाहता है। जीवन सिंह को अक्टूबर, 1999 में असम पुलिस ने गिरफ्तार किया था, हालांकि बाद में वह जमानत पर रिहा हो गया था और उसके बाद से ही भूमिगत है। बंगाल के उत्तरी क्षेत्र में केएलओ का एक समय काफी ज्यादा प्रभाव था, हालांकि पिछले कुछ वर्षों में उसकी सक्रियता कम हुई है।