कोयला व गो तस्करी मामले में सीबीआई का शिकंजा, अब छह पुलिस अधिकारियों को नोटिस
शिकंजा-छह पुलिस अधिकारियों में तीन आइपीएस अधिकारी भी। अधिकारियों को इसी सप्ताह सीबीआइ कार्यालय आने को कहा गया। पंजाब उत्तर प्रदेश बिहार और झारखंड से अवैध तरीके से ट्रकों में भरकर मवेशी मुर्शिदाबाद और मालदा भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाकों में लाये जाते थे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोयला व गो तस्करी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) लगातार अपना शिकंजा कसती जा रही है। तृणमूल नेता विनय मिश्रा के बाद अब केंद्रीय जांच एजेंसी ने छह पुलिस अधिकारियों को नोटिस दिया है। उनमें तीन आइपीएस अधिकारी भी हैं। सूत्रों के अनुसार, अधिकारियों को इसी सप्ताह महानगर के निजाम पैलेस स्थित सीबीआइ कार्यालय आने को कहा गया है। सीबीआइ के अधिकारियों का कहना है कि दोनों मामलों की जांच में इन अधिकारियों को लेकर भी कुछ तथ्य मिले हैं। उन तथ्यों को लेकर ही सीबीआइ अधिकारी उनसे पूछताछ करना चाहते हैं। छह अधिकारियों में तीन अधिकारी पुलिस निरीक्षक व डीएसपी रैंक के हैं। अधिकारियों को इस सप्ताह तलब किया गया है।
सीबीआइ की जांच के घेरे में राजकीय सेवा से जुड़े प्रभावशाली लोग भी हैं
सीबीआइ ने दावा किया है कि कोयला व गो तस्करी मामले में आरोपितों के साथ इनकी मिलीभगत है जिसके सबूत उसके पास हैं। जांच में कुछ और पुलिस अधिकारियों के नाम सामने आए हैं। सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, उन्हें भी आने वाले दिनों में तलब किया जाएगा। गो की तस्करी और अवैध कोयला खनन के मामलों में सीबीआइ की जांच के घेरे में केवल पुलिस अधिकारी ही नहीं, बल्कि बीएसएफ, कस्टम, सीआइएसएफ, इसीएल के अधिकारियों समेत कुछ प्रभावशाली लोग भी हैं।
अवैध तरीके से ट्रकों में भरकर मवेशी सीमावर्ती इलाकों में लाये जाते थे
सीबीआइ के अधिकारियों कहना है कि पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड समेत देश के अन्य राज्यों से अवैध तरीके से ट्रकों में भरकर मवेशी बंगाल के मुर्शिदाबाद और मालदा स्थित भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाकों में लाये जाते थे। इधर, अवैध रूप से कोयला खनन कर उन्हें भी दूसरे राज्यों में भेजा जाता था। मवेशियों व कोयला से लदे वाहनों को उन राज्यों की सीमाओं के चेक पोस्ट से गुजरते हुए जाते होंगे, जहां वाहनों की जांच की जिम्मेदारी उन इलाकों की पुलिस की होती है।
अभी ऐसे कई प्रश्न हैं, जिनका जवाब सीबीआइ जानने की कोशिश में है
सवाल यह है कि मवेशियों व कोयला से लदे वाहनों की यदि जांच की गई होगी, तो वह भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती इलाकों व अन्य जगहों में कैसे पहुंच गए ? ऐसे कई प्रश्न हैं, जिनका जवाब सीबीआइ जानने की कोशिश में है। आपको बता दें कि मवेशियों की तस्करी के मामले में तस्करों के गिरोह के कथित सरगना एनामुल हक और बीएसएफ के कमांडेंट सतीश कुमार की गिरफ्तारी हो चुकी है।
पिछले सप्ताह तृणमूल नेता विनय मिश्रा के ठिकानों पर छापेमारी की थी
पिछले ही सप्ताह गो की तस्करी की जांच के तहत तृणमूल युवा कांग्रेस के प्रदेश महासचिव विनय मिश्रा के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। हालांकि, अभी तक मिश्रा का पता नहीं चल पाया है और उनके घर नोटिस भेजे जाने के बावजूद वह सीबीआइ अधिकारियों के समक्ष पेश भी नहीं हुए हैं। इधर, अवैध कोयला खनन मामले के प्रमुख आरोपित माने जाने वाले अनूप माजी उर्फ लाला भी फरार है। उसके खिलाफ गैर जमानती गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है।