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सीबीआई ने विश्वभारती विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सुशांत दत्तागुप्ता के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में की प्राथमिकी दर्ज

आरोप है कि सुशांत दत्तागुप्ता ने अपने कार्यकाल के दौरान इस तथ्य को छिपाया कि उन्हें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से भी पेंशन मिल रहा था। इस तरह से उन्हें 13 लाख रुपये से भी अधिक की पेंशन मिली है। मामला 2012-2013 का है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 09:19 PM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 09:19 PM (IST)
दो साल चली प्राथमिक पूछताछ के बाद यह कार्रवाई की गई है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सीबीआइ ने विश्वभारती विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति सुशांत दत्तागुप्ता के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में प्राथमिकी दर्ज की है। दो साल चली प्राथमिक पूछताछ के बाद यह कार्रवाई की गई है। मामला 2012-2013 का है। 

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13 लाख रुपये से भी अधिक की पेंशन मिल चुकी

आरोप है कि सुशांत दत्तागुप्ता ने अपने कार्यकाल के दौरान इस तथ्य को छिपाया कि उन्हें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से भी पेंशन मिल रहा था। इस तरह से उन्हें 13 लाख रुपये से भी अधिक की पेंशन मिली है। 

कानूनी मामले देखने के लिए निजी कानूनी फर्म 

आरोप यह भी है कि उन्होंने विश्वविद्यालय के कानूनी मामले देखने के लिए एक निजी कानूनी फर्म को नियुक्त किया, जिसकी फीस सरकारी अनुमोदन प्राप्त अधिवक्ताओं से भी अधिक थी। 

सेवानिवृत्त न्यायाधीश को पांच लाख रुपये दिए थे

प्राथमिक पूछताछ में यह भी पता चला है कि सुशांत दत्तागुप्ता ने एक मामले की विभागीय जांच के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश को पांच लाख रुपये दिए थे, जो नियमों के खिलाफ थे।


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