Narada Sting Operation Case: नारद स्टिंग मामले में अब 16 अगस्त को सुनवाई करेगा कलकत्ता हाई कोर्ट
Narada Sting Operation Case मामले में सीबीआइ ने ममता सरकार के दो मंत्रियों एक विधायक और एक पूर्व विधायक को गिरफ्तार किया था। अभी ये जमानत पर हैं। नारद स्टिंग मामले की 16 अगस्त को कलकत्ता हाईकोर्ट में होगी सुनवाई
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में राजनीति भूचाल लाने वाले नारद स्टिंग स्टिंग ऑपरेशन मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट 16 अगस्त को सुनवाई करेगा। बता दें कि इस मामले में मामले में सीबीआइ ने ममता सरकार के दो मंत्रियों, एक विधायक और एक पूर्व विधायक को गिरफ्तार किया था। अभी ये जमानत पर हैं।
कलकत्ता हाईकोर्ट ने नारद मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के कानून मंत्री मलय घटक द्वारा उनके हलफनामों को स्वीकार करने के लिए जमा किए गए आवेदनों पर आदेश सुरक्षित रखा है। हाईकोर्ट की पांच जजों की पीठ नारद मामले पर सुनवाई कर रही है। ममता और मलय ने उच्चतम अदालत के निर्देश पर पिछले दिनों हाईकोर्ट में नए सिरे से आवेदन जमा किए थे। उच्चतम अदालत के निर्देशानुसार हाईकोर्ट को इन हलफनामों को स्वीकार करना होगा।
उच्चतम अदालत ने पिछले शुक्रवार को हाईकोर्ट के नौ जून के आदेश को रद कर दिया था, जिसमें सीबीआइ द्वारा 17 मई को तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की गिरफ्तारी के दिन ममता-मलय की तरफ से अपनी भूमिका बताने को जमा किए गए हलफनामों को रिकार्ड में लेने से इन्कार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री व कानून मंत्री को 28 जून या उससे पहले कलकत्ता हाईकोर्ट में नए सिरे से हलफनामे के लिए आवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को भी उन्हें रिकार्ड करने का निर्देश दिया था। निर्देश के बाद मुख्यमंत्री और कानून मंत्री ने सोमवार को हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल करने के लिए नए सिरे से अर्जी जमा की थी।
सीबीआइ ने ममता-मलय को नारद मामले में पक्षकार बनाया है। सीबीआइ का आरोप है कि मुख्यमंत्री ने तीन तृणमूल नेताओं को गिरफ्तारी के समय कोलकाता में निज़ाम पैलेस स्थित उसके कार्यालय में जाकर उसके कामकाज और सीबीआइ अदालत के फैसले को प्रभावित किया था।
2016 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नारद न्यूज पोर्टल के सीईओ मैथ्यु सैमुअल ने एक स्टिंग वीडियो जारी किया था। इसमें वे एक कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर तृणमूल कांग्रेस के तत्कालीन सात सांसदों, तीन मंत्रियों और कोलकाता नगर निगम के मेयर को काम कराने के एवज में रिश्वत देते नजर आ रहे थे। इस मामले ने राजनीति भूचाल ला दिया था। सीबीआइ बंगाल में हुए सारधा, रोजवैली सहित कई चिटफंड घोटालों की जांच कर रही है, नारद उनमें एक है।