कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बंगाल सरकार से पिछले पांच साल में दवाओं की खरीद पर हुए खर्च का मांगा ब्योरा
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बंगाल सरकार से पिछले पांच साल में दवाओं की खरीद पर खर्च हुई राशि का ब्योरा देने को कहा है। अदालत ने कहा कि करदाताओं के पैसे से महंगी दवाएं खरीदकर उन्हें किसी अस्पताल में रखकर बरबाद नहीं किया जा सकता
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को बंगाल सरकार से पिछले पांच साल में दवाओं की खरीद पर खर्च हुई राशि का ब्योरा देने को कहा है। अदालत ने कहा कि करदाताओं के पैसे से महंगी दवाएं खरीदकर उन्हें किसी अस्पताल में रखकर बरबाद नहीं किया जा सकता जबकि अन्य अस्पतालों को उनकी बहुत ज्यादा जरूरत हो।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की खंडपीठ ने एक खबर पर स्वत: संज्ञान लेते हुए स्वीकार की गई रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सरकार को हरसंभव तरीके से धन बचाने की योजना बनानी होगी। खबर में कहा गया था कि बेलियाघाटा आइडी अस्पताल में एक करोड़ रुपये की दवाएं बेकार हो सकती हैं क्योंकि कथित रूप से इनके खराब होने (एक्सपायरी) की तारीख करीब है। पीठ ने कहा कि यह बात दिमाग में रखनी होगी कि करदाताओं के धन को, जिसका राज्य एक न्यासी है, इस तरह बरबाद नहीं होने दिया जा सकता। सारा दिमाग और ऊर्जा केवल मतदाताओं को खुश करने के लिए योजनाएं बनाने में खर्च नहीं होनी चाहिए।
न्यायमूर्ति शिवकांत प्रसाद एक अखबार में प्रकाशित खबर को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के संज्ञान में लाए, जिसके बाद मामले को स्वत: संज्ञान लेते हुए याचिका के रूप में लिया गया। खंडपीठ ने बंगाल सरकार को उसके मुख्य सचिव तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण सचिव के माध्यम से नोटिस जारी किये जाने का निर्देश दिया।