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कलकत्ता हाई कोर्ट ने केएमसी चुनाव फिर से कराने की माकपा की याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला

कलकत्ता हाई कोर्ट ने कोलकाता नगर निगम (केएमसी) का चुनाव फिर से कराने की माकपा की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है। माकपा प्रत्याशी फैयाज अहमद खान और देवलीना सरकार ने केएमसी चुनाव में व्यापक स्तर पर हिंसा व धांधली का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट का रूख किया था

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 23 Dec 2021 09:25 PM (IST)Updated: Thu, 23 Dec 2021 09:25 PM (IST)
कलकत्ता हाई कोर्ट ने केएमसी चुनाव फिर से कराने की माकपा की याचिका पर सुरक्षित रखा फैसला
कलकत्ता हाई कोर्ट की वेबसाइट पर कर दिया जाएगा अपलोड

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट ने कोलकाता नगर निगम (केएमसी) का चुनाव फिर से कराने की माकपा की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है। माकपा प्रत्याशी फैयाज अहमद खान और देवलीना सरकार ने केएमसी चुनाव में व्यापक स्तर पर हिंसा व धांधली का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट का रूख किया था और फिर से चुनाव कराने का अनुरोध किया था। गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव व न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज ने कहा-'हम याचिका को बंद नहीं कर रहे हैं। हम हाई कोर्ट की वेबसाइट पर एक-दो दिन में फैसला अपलोड करेंगे। इस मामले पर अगली सुनवाई छह जनवरी को होगी।

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दूसरी तरफ सूबे के बाकी नगर निकायों के चुनाव में केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर भाजपा की तरफ से हाई कोर्ट में नए सिरे से याचिका दायर की गई है, जिसपर मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव की बेंच में जल्द सुनवाई हो सकती है। गौरतलब है कि इससे पहले केएमसी के चुनाव में भी केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर भी हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे खारिज कर दिया गया था।

इस बीच हाई कोर्ट ने राज्य प्रशासन को कोलकाता नगर निगम के 16 नंबर वार्ड से कांग्रेस प्रत्याशी रहे रवि साहा को पुलिस सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है। रवि साहा ने हाई कोर्ट में मुकदमा दायर कर कहा था कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने उन्हें सड़क पर नंगा कर पीटा और उसका वीडियो बनाकर इंटरनेट मीडिया पर वायरल किया था। गुरुवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश राजशेखर मंथा की पीठ ने कहा कि राज्य प्रशासन आगामी 29 दिसंबर तक मामलाकारी को पुलिस सुरक्षा प्रदान करे।

पुलिस जल्द से जल्द मामलाकारी का बयान दर्ज करे और तीन सप्ताह के अंदर अदालत में अपनी रिपोर्ट जमा करें। इस मामले पर अगली सुनवाई 19 जनवरी को होगी। न्यायाधीश ने आगे कहा कि 29 दिसंबर के बाद भी अगर मामलाकारी को पुलिस सुरक्षा की जरुरत महसूस हो तो इसमें आने वाला खर्च उसे वहन करना होगा।


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