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Big shock : कलकत्ता हाईकोर्ट ने हर्षवर्धन लोढ़ा को एमपी बिड़ला ग्रुप की कंपनियों के सभी पदों से हटाने का दिया आदेश

Big shock कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा- बिड़ला कॉर्पोरेशन के चेयरमैन प्रियंवदा बिड़ला एस्टेट के खिलाफ कर रहे काम। बिड़ला तथा लोढ़ा परिवार 16 वर्षों से वसीयत को लड़ रहे कानूनी लड़़ा़ई।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 09:53 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 09:53 PM (IST)
Big shock : कलकत्ता हाईकोर्ट ने हर्षवर्धन लोढ़ा को एमपी बिड़ला ग्रुप की कंपनियों के सभी पदों से हटाने का दिया आदेश
Big shock : कलकत्ता हाईकोर्ट ने हर्षवर्धन लोढ़ा को एमपी बिड़ला ग्रुप की कंपनियों के सभी पदों से हटाने का दिया आदेश

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने हर्षवर्धन लोढ़ा को बड़ा झटका देते हुए उन्हें एमपी बिड़ला ग्रुप की कंपनियों के सभी पदों से हटाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हर्षवर्धन लोढ़ा को सीमेंट बनाने वाली कंपनी बिड़ला कॉर्पोरेशन और एमपी बिड़ला ग्रुप की कंपनियां में सभी पदों से तत्काल प्रभाव से हटाया जाता है। कोर्ट ने कहा कि बिड़ला कॉर्पोरेशन के चेयरमैन कंपनी की मालिकाना हक वाली प्रियंवदा बिड़ला एस्टेट के खिलाफ लगातार काम कर रहे थे। इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से कंपनी में अपना सभी पद छोड़ना होगा। 

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कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे हर्षवर्धन 

आपको बता दें कि हर्षवर्धन लोढ़ा एक दशक से अधिक समय से इन दोनों कंपनियों का नियंत्रण अपने पास रखने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे। बिड़ला तथा लोढ़ा परिवार दोनों पक्ष पिछले 16 वर्षों से एमपी बिड़ला की पत्नी प्रियंवदा बिड़ला की वसीयत को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे।

आदेश बिड़ला परिवार की बड़ी जीत

ऐसे में कलकत्ता हाईकोर्ट का यह आदेश बिड़ला परिवार के लिए बड़ी जीत है, क्योंकि वे लंबे समय से प्रियंवदा बिड़ला की वसीयत की कानूनी वैधता को चुनौती देते हुए इसे गलत करार देने के लिए संघर्ष कर रहे थे। 

एमपी बिड़ला एम्पायर सौंप दिया था

प्रियंवदा बिड़ला ने अपनी वसीयत में 25,000 करोड़ रुपये के मालिकाना हक वाले एमपी बिड़ला एम्पायर को अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट आरएस लोढ़ा और उनके दूसरे बेटे हर्षवर्धन लोढ़ा को सौंप दिया था।

HC के मुताबिक ये पद छोड़ने होंगे

कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक, हर्षवर्धन लोढ़ा को बिड़ला कॉर्पोरेशन के चेयरमैन का पद छोड़ना होगा। इसके अलावा उन्हें एमपी बिड़ला ग्रुप की दूसरी कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में निदेशक का पद छोड़ना होगा, जिनमें विंध्य टेलीलिंक लिमिटेड , बिड़ला केबल्स और यूनिवर्सल केबल्स लिमिटेड शामिल है। 

बिड़ला परिवार सुप्रीम कोर्ट गया था

इससे पहले मई में कलकत्ता हाईकोर्ट ने एमपी बिड़ला ग्रुप की कंपनियों विंध्य टेलीलिंक और बिड़ला केबल्स में निदेशक के रूप में लोढ़ा की दोबारा नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने मामला खारिज किया

लोढ़ा रोटेशन से इन पदों से सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद बिड़ला परिवार सुप्रीम कोर्ट गया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए मामला खारिज कर दिया था कि इसकी सुनवाई कलकत्ता हाईकोर्ट कर रही है।


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