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कलकत्ता हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर बंगाल के सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने में हो रही देरी पर जताई चिंता

न्यायाधीश हरीश टंडन और न्यायाधीश सौमेन सेन की खंडपीठ ने गत 29 अक्टूबर को मल्लारपुर थाने के शौचालय में कथित रूप से फांसी लगाने वाले लड़के की मौत के मामले का संज्ञान लिया है। खंडपीठ ने कहा यह आवश्यक है कि सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे कार्यात्मक स्थिति में हों।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 08:54 PM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 08:54 PM (IST)
कलकत्ता हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर बंगाल के सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने में हो रही देरी पर जताई चिंता
थाने में लगे सीसीटीवी का खराब होना इस मुद्दे को जटिल बना रहा। सच्चाई पता लगाने में कठिनाई हो रही।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने बंगाल के सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने में हो रही देरी पर चिंता जताई है। न्यायाधीश हरीश टंडन और न्यायाधीश सौमेन सेन की खंडपीठ ने बुधवार को कहा कि यह आवश्यक है कि राज्यभर के सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरे कार्यात्मक स्थिति में हों। अदालत ने गत 12 नवंबर को राज्य के गृह सचिव को निर्देश दिया था कि पिछले महीने वीरभूम जिले के मल्लारपुर थाने में लड़के की हिरासत में मौत के मामले में राज्य के सभी पुलिस थानों में सीसीटीवी कैमरों की स्थिति बयां करने वाला हलफनामा प्रस्तुत किया जाए।

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सीसीटीवी कैमरे घटना के समय काम नहीं कर रहे थे

हाईकोर्ट ने कहा कि वीरभूम के पुलिस अधीक्षक ने स्वीकार किया है कि मल्लारपुर थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे घटना के समय काम नहीं कर रहे थे। खंडपीठ ने गत 29 अक्टूबर को मल्लारपुर थाने के शौचालय में कथित रूप से फांसी लगाने वाले लड़के की मौत के मामले का संज्ञान लिया है। 

चोरी की शिकायत पर लड़के को घर से किया पकड़ा

लड़के को वीरभूम जिले के रामपुरहाट में तैनात एक पुलिस अधिकारी की पत्नी द्वारा दर्ज कराई गई चोरी की शिकायत पर घर से गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट ने कहा कि थाने में लगे सीसीटीवी के समय पर खराब होना इस मुद्दे को जटिल बना रहा है, जिससे सच्चाई पता लगाने में कठिनाई हो रही है।

खंडपीठ को पुलिस अधीक्षक के कदम पर भी अंसतोष

खंडपीठ ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ वीरभूम के पुलिस अधीक्षक द्वारा उठाए गए कदम पर भी असंतोष व्यक्त किया। राज्य सरकार की ओर से पेश हुए एडवोकेट जनरल किशोर दत्ता ने अदालत में कहा कि आवश्यक होने पर न्यायिक जांच के अलावा सीआइडी ​​जांच शुरू की जा सकती है।


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