बंगाल की झांकी को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ दायर याचिका को कलकत्ता हाई कोर्ट ने किया खारिज
ममता बनर्जी ने दोहराया कि झांकी को सरसरी तौर पर खारिज करने का कोई कारण नहीं बताया है। जबकि ममता के पत्र के जवाब में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा था कि केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग की इस बार की झांकी भी नेताजी पर है इसीलिए यह खारिज किया गया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर आधारित बंगाल सरकार की झांकी को केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं करने के खिलाफ कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिस पर सोमवार सुनवाई हुई और मुख्य न्यायाधीश ने सवाल किया कि बस एक दिन और बाकी है। इतनी देर क्यों की गई? मुख्य न्यायाधीश ने फैसले में कहा कि अदालत इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा। इस मामले में बहुत ही देरी हुई है। दो दिन के बाद ही गणतंत्र दिवस है। इसलिए मामले को खारिज कर दिया गया। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि झांकी के मामले में बहुत देर हो चुकी थी।
बंगाल के एडवोकेट जनरल ने कहा कि केंद्र और राज्य इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं। वहीं याचिकाकर्ता वकील ने आरोप लगाया कि नेताजी देश नायक और स्वतंत्रता सेनानी हैं, लेकिन नेताजी की हमेशा उपेक्षा की जाती रही है। हालांकि इस झांकी को क्यों शामिल नहीं किया गया। इस बारे में केंद्र के वकील के पास कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं है। राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर रविवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करने का वादा करके महान स्वतंत्रता सेनानी पर आधारित राज्य की गणतंत्र दिवस झांकी को शामिल न करने की अपनी गलती से पल्ला नहीं झाड़ सकती। ममता बनर्जी ने दोहराया कि झांकी को सरसरी तौर पर खारिज करने का कोई कारण नहीं बताया गया है। जबकि ममता के पत्र के जवाब में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा था कि केंद्रीय लोकनिर्माण विभाग की इस बार की झांकी भी नेताजी पर है इसीलिए यह खारिज किया गया है।
गणतंत्र दिवस परेड के मौके पर विभिन्न राज्यों की झांकी पर सियासत शुरू हो गई। कुछ राज्यों की झांकी को अस्वीकृत किए जाने के बाद केंद्र पर पक्षपात का आरोप लगाया जा रहा है। दरअसल, गणतंत्र दिवस की परेड से पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल की झांकी को हटा दिया गया है। इस मामले में केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय मंत्रालयों से कुछ 56 प्रस्ताव आए थे, इनमें से 21 को शार्टलिस्ट किया गया है।