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कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को ट्रांसजेंडरों को कोलकाता पुलिस की भर्ती परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का दिया निर्देश

याचिका में आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2021 के लिए कोलकाता पुलिस में सब-इंस्पेक्टर और सार्जेंट के पद पर भर्ती के लिए एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को आवेदन करने की अनुमति देने के लिए आनलाइन एप्लिकेशन फार्म में आवश्यक ट्रांसजेंडर कालम नहीं दिया गया।

By Priti JhaEdited By: Published: Fri, 01 Oct 2021 01:03 PM (IST)Updated: Fri, 01 Oct 2021 01:03 PM (IST)
कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को ट्रांसजेंडरों को कोलकाता पुलिस की भर्ती परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का दिया निर्देश
कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को ट्रांसजेंडरों को कोलकाता पुलिस भर्ती परीक्षा में बैठने की अनुमति निर्देश

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक ट्रांसजेंडर आवेदक को राहत देते हुए राज्य सरकार को ट्रांसजेंडरों को कोलकाता पुलिस भर्ती परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का निर्देश दिया।हाई कोर्ट ने गत दिनों एक ट्रांसजेंडर द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया।

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याचिका में आरोप लगाया गया था कि वर्ष 2021 के लिए कोलकाता पुलिस में सब-इंस्पेक्टर और सार्जेंट के पद पर भर्ती के लिए एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति को आवेदन करने की अनुमति देने के लिए आनलाइन एप्लिकेशन फार्म में आवश्यक ट्रांसजेंडर कालम नहीं दिया गया।

न्यायमूर्ति अरिंदम मुखर्जी ने अपने आदेश में इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा था। कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार ने 14 सितंबर को कोलकाता पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती के लिए ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का फैसला किया था।

राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता की ओर से उपयुक्त हस्तक्षेप के साथ पश्चिम बंगाल सरकार ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति को सब-इंस्पेक्टर/लेडी सब-इंस्पेक्टर (अनआर्म्ड ब्रांच) के पद पर भर्ती के लिए परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार द्वारा 14 सितंबर, 2021 को लिए गए निर्णय को विधिवत रूप से राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता को सूचित किया गया।

इसके अलावा कोर्ट ने 14 सितंबर को बंगाल सरकार के अतिरिक्त सचिव द्वारा हस्ताक्षरित इस तरह के एक फैसले की एक प्रति और राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता को संचार को रिकार्ड में लिया। राज्य सरकार द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की कि राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता की ओर से हस्तक्षेप और राज्य द्वारा मामले में लिए गए त्वरित निर्णय की सराहना की जाती है। तदनुसार, याचिका का निपटारा यह देखते हुए किया गया कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुख्य मुद्दे का विधिवत समाधान किया गया।

कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की यदि कोई व्यक्तिगत शिकायत कोई हो, तो उम्र में छूट की अनुमति देने के लिए याचिकाकर्ता को एक ट्रांसजेंडर के रूप में आवेदन करने की अनुमति देने के लिए और अन्य मुद्दों को याचिकाकर्ता द्वारा संबंधित प्राधिकारी को उचित प्रतिनिधित्व दर्ज करके प्रसारित किया जा सकता है। 


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