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कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआइ से कोयला तस्करी मामले की जांच कितनी आगे बढ़ी, इस बारे में पूछा

मुख्य आरोपित लाला समेत अन्य के खिलाफ दर्ज मामले में तेजी लाना चाहता है कोर्ट। सीबीआइ को पहले ही ग्रामीणों से अलग-अलग शिकायतें मिली हैं। वहीं सीबीआइ को अपना पक्ष बताने को कहा गया है। मामले की अगली सुनवाई बुधवार को हाईकोर्ट में होगी।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 07:44 PM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 08:22 PM (IST)
कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआइ से कोयला तस्करी मामले की जांच कितनी आगे बढ़ी, इस बारे में पूछा
हाई कोर्ट के न्यायाधीश देबांग्शु बसाक ने मंगलवार को सीबीआइ से मामले की प्रगति के बारे में पूछा।

 राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता हाई कोर्ट बंगाल के अवैध कोयला खनन मामले में मुख्य आरोपित लाला उर्फ ​​अनूप माजी समेत कई लोगों के खिलाफ दर्ज मामले में तेजी लाने की राह पर है। सीबीआइ को पहले ही ग्रामीणों से अलग-अलग शिकायतें मिली हैं। हाई कोर्ट के न्यायाधीश देबांग्शु बसाक ने मंगलवार को सीबीआइ से मामले की प्रगति के बारे में पूछा। वहीं, सीबीआइ को अपना पक्ष बताने को कहा गया है। मामले की अगली सुनवाई बुधवार को हाईकोर्ट में होगी।

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कोयला खनन की शिकायत की गई थी। पुलिस कैंप लगने के बाद कोयले की चोरी पर लगा अंकुश

1991 में बांकुड़ा के मेजिया में एक भूमिगत कोयला खदान की खोज की गई थी। तभी से क्षेत्र में ईसीएल के माध्यम से कोयला खनन शुरू हो गया है। कथित तौर पर उसके बाद क्षेत्र में अवैध कोयला खनन शुरू हो गया। स्थानीय लोगों ने घटना का कड़ा विरोध किया। इसकी उन्होंने अलग-अलग जगहों पर शिकायत भी की थी। इसके बाद वहां पुलिस कैंप लगाया गया। सूत्रों के मुताबिक इसके बाद कोयले की चोरी पर अंकुश लगा।

2015 में बांकुड़ा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने पुलिस कैंप को हटा दिया, जस्‍टिस दे चुके निर्देश

लेकिन अदालत में आरोप लगाया गया कि 2015 में बांकुड़ा के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने पुलिस कैंप को हटा दिया। तभी से धड़ल्ले से अवैध कोयला खनन शुरू कर दिया गया। नतीजतन, कृषि भूमि क्षतिग्रस्त होती गई और घरों में दरारें आ गई है। 2017 में ग्रामीणों ने हाईकोर्ट में मामला दर्ज कराया था। उस मामले में जस्टिस जयमाल्या बागची ने जिलाधिकारी को कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।

इस साल अगस्त में हाईकोर्ट में मामला दायर किया था, पुलिस कैंप लगाकर सीबीआई जांच की मांग

लेकिन आरोप लगाया गया कि कुछ भी नहीं किया गया। इस साल अगस्त में फिर से हाईकोर्ट में मामला दायर किया गया था। इलाके में फिर से पुलिस कैंप लगाए गए और सीबीआइ जांच की मांग की गई। उस मामले में जांच की प्रगति की मांग की गई है। बंगाल चुनाव से ठीक पहले इस राज्य में एक नया घोटाला सामने आया है। अवैध रूप से लाखों रुपये की तस्करी की जा रही थी। यह भी आरोप लगाया गया कि पैसा प्रभावशाली लोगों के खातों में गया। सीबीआइ जांच में कोयला कारोबारी अनूप माजी उर्फ ​​लाला का भी नाम सामने आया था।

सीबीआइ ने जांच संभालने के बाद 27 नवंबर को लाला को नोटिस भेजा फि‍र सुप्रीम कोर्ट पहुंची

पिछले नवंबर में सीबीआइ ने कोयला घोटाले में मामला दर्ज किया और जांच में गई। सीबीआइ ने कोयला तस्करी की जांच का जिम्मा संभालने के बाद 27 नवंबर को लाला को नोटिस भेजा था, लेकिन वह हाजिर नहीं हुआ। फिर सीबीआइ सुप्रीम कोर्ट गई। लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया था। पर कुछ नहीं हुआ। इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने मार्च में सीबीआइ को सूचित किया कि लाला को अभी गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।

सीबीआइ लाला को हिरासत में लेना चाहती है, दूसरी ओर, लाला का घटना में शामिल न होने का दावा

हालांकि, लाला को जांच में सीबीआइ की सहायता करने का निर्देश दिया गया था। फिर 30 मार्च को अनूप माजी उर्फ ​​लाला पहली बार सीबीआइ कार्यालय में पेश हुआ। तब से वह एक से अधिक बार निजाम पैलेस जा चुका है। हालांकि सीबीआइ लाला को अपनी हिरासत में लेना चाहती है। दूसरी ओर, लाला ने दावा किया कि वह इस घटना में किसी भी तरह से शामिल नहीं है।


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