कलकत्ता हाईकोर्ट ने पूछा सवाल, क्या पीएसी अध्यक्ष विपक्ष से होते हैं, स्पीकर से हलफनामा तलब, छह सितंबर को सुनवाई
विधानसभा की लोक लेखा समिति(पीएसी) अध्यक्ष बनने के लिए क्या किसी पार्टी की मंजूरी की जरूरत नहीं होती? क्या पीएसी अध्यक्ष विपक्ष से ही होते हैं? इन सवालों का जवाब कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने विधानसभा अध्यक्ष से जानना चाहा है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाताः विधानसभा की लोक लेखा समिति(पीएसी) अध्यक्ष बनने के लिए क्या किसी पार्टी की मंजूरी की जरूरत नहीं होती? क्या पीएसी अध्यक्ष विपक्ष से ही होते हैं? इन सवालों का जवाब कलकत्ता हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने विधानसभा अध्यक्ष से जानना चाहा है। हाई कोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष को इस बाबत दोबारा हलफनामा जमा देने का निर्देश दिया है।
मामले पर अगली सुनवाई छह सितंबर को होगी। दूसरी ओर विधानसभा में मुकुल राय के विधायक पद से बर्खास्त करने की भाजपा की मांग वाली याचिका पर सुनवाई फिलहाल टाल गया है। क्योंकि, मुकुल ने स्पीकर को पत्र लिखकर एक माह का समय मांगा था। उन्होंने स्पीकर को लिखा था कि उनकी तबतीय खराब है इसीलिए फिलहाल सुनवाई टाल दी जाए? मुकुल की मांग को जब स्पीकर ने मंजूर कर ली तो विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने दलबदल विरोधी कानून के तहत विरोध शुरू कर दिया।
अधिकारी ने दावा किया कि राय का आवेदन त्रुटिपूर्ण है, क्योंकि, उसमें उम्र या तारीख का कोई जिक्र नहीं है। यहां तक कि उन्होंने खुद ही अपने आप को बीमार बताया है। अधिकारी के मुताबिक, मुकुल ने पत्र में लिखा है मुझे 12 अगस्त को नोटिस मिला है, मैं जवाब नहीं दे सकता। इसके बाद हमने आपत्ति की, लेकिन अध्यक्ष ने उनका आवेदन को स्वीकार कर लिया है। इसीलिए हमलोग हाईकोर्ट जा रहे हैं।
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मुकुल को पीएसी अध्यक्ष बनाए जाने के खिलाफ हाई कोर्ट में चल रहा है मुकदमा
इस बीच हाई कोर्ट में एक अन्य जनहित याचिका पर भी सुनवाई चल रही है जिसमें पीएसी अध्यक्ष के रूप में मुकुल राय की नियुक्ति को खारिज करने की मांग की गई है। यह मामला भाजपा विधायक अंबिका राय ने दायर किया है। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने पहले हलफनामा जमा देते हुए कहा था कि इस मुद्दे पर हाई कोर्ट में मामला स्वीकार्य नहीं हो सकता। अब हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने स्पीकर को मंगलवार को सुनवाई के दौरान फिर से हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।
साथ ही जानना चाहा है कि क्या पीएसी अध्यक्ष बनने के लिए पार्टी की मंजूरी की जरूरत नहीं है? क्या विपक्ष से ही पीएससी अध्यक्ष होते हैंं? वादी भाजपा विधायक के वकील ने दावा किया है कि मुकुल राय ने अभी तक तृणमूल में शामिल होने से इन्कार नहीं किया है। विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद भाजपा छोड़ कर मुकुल सार्वजनिक रूप से तृणमूल में शामिल हो गए। इसके बाद स्पीकर ने कृष्णानगर दक्षिण के विधायक मुकुल राय को पीएसी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। उन्होंने विपक्ष की आपत्तियों पर ध्यान नहीं दिया। इसके विरोध में भाजपा विधायक पहले ही विधानसभा की सभी स्थाई समितियों से इस्तीफा दे चुके हैं।