दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य में शुक्रवार से हुई बस सफारी की शुरुआत
उत्तर बंगाल के पहाड़ और जंगल पर्यटकों के आकर्षण केंद्र। महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य की अपनी खास विशेषता है। इस क्षेत्र में 600 से अधिक प्रजाति के पंछी पाए जाते है। बक्सा फॉरेस्ट में 6 से 9 दिसंबर तक वार्षिक बर्ड फेस्टिवल। विभिन्न प्रजाति के पक्षी तेंदुआ हाथी और हिरण दिखेंगे।
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी : आय के साथ दूर-दराज से आने वाले पर्यटकों को महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य की विशेषताओं से अवगत कराने के उद्देश्य से सफारी की शुरुआत की गई। शुक्रवार से महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य सुकना में भी सफारी की शुरुआत की गई। चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन वी के यादव, चीफ कंसर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट राजेन्द्र जाखर, डीएफओ दार्जीलिंग जीजू जैस्पर, पद्मजा नायडू हिमालयन जूलोजिकल पार्क दार्जीलिंग के निदेशक धर्म देव राय और बंगाल सफारी पार्क के निदेशक बादल देवनाथ ने हरी झंडी दिखाकर महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य में बस सफारी की शुरुआत की। वहीं उत्तर बंगाल वन विभाग के चीफ कंसर्वेटर राजेन्द्र जाखर ने बताया कि महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य में बस सफारी की शुरुआत की गई है। सफारी के लिए पांच बस की व्यवस्था की गई है। वैसे तो प्रत्येक बस में 28 सीट है, लेकिन कोरोना के मद्देनजर फिलहाल एक बस में 14 पर्यटकों को ही सफारी कराया जाएगा। महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य में पर्यटकों को करीब 12 किलोमीटर की सफारी कराई जाएगी।
उत्तर बंगाल के पहाड़ और जंगल पर्यटकों के आकर्षण केंद्र
शुक्रवार महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य में विलुप्तप्राय प्रजाति के कलिज और लाल वन मुर्गी जोड़े को छोड़ा गया। साथ ही महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य में बक्सा फॉरेस्ट की तर्ज पर बर्ड फेस्टिवल की शुरुआत करने की घोषणा की गई। ज्ञातब्य हो कि उत्तर बंगाल के पहाड़ और जंगल पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है। सिलीगुड़ी से सटे सालुगाड़ा स्थित बंगाल सफारी, गोरुमारा राष्ट्रीय उद्यान, जलदापाड़ा राष्ट्रीय उद्यान समेत कई जंगलों में सफारी की व्यवस्था है।
महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य की अपनी खास विशेषता है
इस मौके पर वन विभाग के अधिकारियों ने विलुप्तप्राय प्रजाति के पांच मेल कलिज और पांच जोड़े लाल वन मुर्गी को महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य के महानदी फॉरेस्ट ब्लॉक में आजाद किया। पत्रकारों को संबोधित करते हुए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन वी के यादव ने बताया महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य की अपनी खास विशेषता है। यहां कई प्रजाति के पंछी पाए जाते हैं।
इस क्षेत्र में 600 से अधिक प्रजाति के पंछी पाए जाते है
सफारी के माध्यम से दूर-दराज से आये पर्यटकों को इससे अवगत कराया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि इस क्षेत्र में 600 से अधिक प्रजाति के पंछी पाए जाते है। जिनमे से कई विलुप्तप्राय प्रजाति के हैं। नेशनल बिल्डिंग प्लान के तहत विलुप्तप्राय प्रजाति के पंछियों की संख्या बढ़ाने के लिए कुर्सियांग के डावहिल में ब्रीडिंग की भी व्यवस्था की गई है।
बक्सा फॉरेस्ट में 6 से 9 दिसंबर तक वार्षिक बर्ड फेस्टिवल
इसके अतिरिक्त अगले 15 दिसंबर से 31 जनवरी तक माइग्रेटरी वेटलैंड बर्ड की वार्षिक गणना भी की जाएगी। वर्ष 1997-98 तक पक्षियों के वार्षिक गणना का डॉक्यूमेंटेशन किया जाता था। उसे फिर से शुरू किया जाएगा। इसके अलावे बक्सा फॉरेस्ट में 6 से 9 दिसंबर तक वार्षिक बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। उसी तर्ज पर महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य में भी बर्ड फेस्टिवल का आयोजन किये जाने का निर्णय लिया गया है।
विभिन्न प्रजाति के पक्षी, तेंदुआ, हाथी और हिरण दिखेंगे
सफारी के दौरान पर्यटकों को विभिन्न प्रजाति के पक्षी, तेंदुआ, हाथी और हिरण विचरण करते देखने को मिलेंगे। इस 12 किलोमीटर सफारी का किराया 300 रुपये प्रति पर्यटक निर्धारित किया गया है। एक घंटे की इस सफारी में गाइड, शौचालय आदि की व्यवस्था पर्यटकों के लिए की गई है। प्रति दिन सुबह सवा छह बजे से शाम के साढ़े चार बजे तक कुल पांच ट्रिप सफारी कराया जाएगा। पर्यटक ऑनलाइन व ऑफलाइन टिकट बुक करा सकते हैं।
महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य में बस सफारी की शुरुआत
वहीं उत्तर बंगाल वन विभाग के चीफ कंसर्वेटर राजेन्द्र जाखर ने बताया कि महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य में बस सफारी की शुरुआत की गई है। सफारी के लिए पांच बस की व्यवस्था की गई है। वैसे तो प्रत्येक बस में 28 सीट है, लेकिन कोरोना के मद्देनजर फिलहाल एक बस में 14 पर्यटकों को ही सफारी कराया जाएगा। महानन्दा वन्यजीव अभ्यारण्य में पर्यटकों को करीब 12 किलोमीटर की सफारी कराई जाएगी।