Move to Jagran APP

बस मालिकों ने ममता सरकार की पेशकश को ठुकराया, कहा-मासिक भत्ते पर बसें चलाना संभव नहीं

बस मालिकों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मासिक भत्ते की पेशकश को सिरे से ठुकरा दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि महज 15000 रुपये के मासिक भत्ते पर बसें चलाना संभव नहीं है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 05:20 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 05:20 PM (IST)
बस मालिकों ने ममता सरकार की पेशकश को ठुकराया, कहा-मासिक भत्ते पर बसें चलाना संभव नहीं
बस मालिकों ने ममता सरकार की पेशकश को ठुकराया, कहा-मासिक भत्ते पर बसें चलाना संभव नहीं

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बस मालिकों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मासिक भत्ते की पेशकश को सिरे से ठुकरा दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि महज 15,000 रुपये के मासिक भत्ते पर बसें चलाना संभव नहीं है। ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट्स के महासचिव तपन कुमार बनर्जी ने कहा-'15,000 रुपये के सामान्य से मासिक भत्ते से क्या होने वाला है? हमारा नुकसान इससे कहीं ज्यादा है। बस किराए में बढ़ोतरी किए बिना इस समस्या का समाधान नहीं होने वाला। हम रविवार को बातचीत करके अंतिम निर्णय लेंगे।

prime article banner

बैठक में जिलों के बस मालिक संगठन भी शामिल होंगे।'  वही वेस्ट बंगाल बस एंड मिनी बस आनर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रदीप नारायण बोस ने कहा-' ज्यादातर रूटों के बस मालिक राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को नामंजूर कर चुके हैं। 15, 000 रुपये प्रति माह के हिसाब से राज्य सरकार प्रति बस व मिनी बस पर दैनिक 500 रुपये का भत्ता देने की बात कर रही है जबकि हमारा रोज का नुकसान लगभग 2,000 रुपये के आसपास है इसलिए यह भत्ता हमें किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं है।'

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को राज्य सचिवालय नवान्न में मीडिया से बातचीत में दो टूक कहा था कि निजी बसों का किराया नहीं बढ़ाया जाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया था कि एक जुलाई से राज्यभर में सभी 6,000 बसें सड़कों पर उतरेंगी। ममता ने आगे कहा था कि डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि से बस मालिकों को हो रही समस्या को देखते हुए राज्य सरकार उनकी आर्थिक मदद करेगी। अगले तीन महीने तक प्रति बस व मिनी बस के लिए 15,000 रुपये का मासिक भत्ता दिया जाएगा। इसपर राज्य सरकार के करीब 27 करोड़ रुपये खर्च होंगे। मुख्यमंत्री ने निजी बसों के चालक व कंडक्टरों को राज्य सरकार की स्वास्थ्य साथी बीमा योजना के दायरे में लाने की भी बात कही थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.