BSF का साहसिक प्रयास: सकुशल घर लौटी चांदी तस्कर की अपहृत बेटी, प्रेम जाल में फंस चली गई थी पड़ोसी देश
सीमा सुरक्षा बल (Border Security Force) बंगाल के सीमावर्ती उत्तर 24 परगना जिले में एक सजायाफ्ता चांदी तस्कर (Silver Smuggler) की अपहृत नाबालिग बेटी को अपने अथक व साहसिक प्रयासों से सकुशल वापस अपने देश लाने में कामयाब हुई।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। भारत-बांग्लादेश सीमावर्ती क्षेत्र में तस्करी व अवैध कार्यों में लिप्त लोग अपने देश के सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को ही अपना दुश्मन मानती है। लिहाजा बीएसएफ के खिलाफ तमाम तरह के दुष्प्रचार व हथकंडे अपनाती रहती है। लेकिन तमाम दुष्प्रचार के बावजूद बीएसएफ मानवीय मूल्यों की रक्षा में विश्वास करती है और जब अपने देशवासी पर कोई संकट आता है तो उसके लिए किसी भी हद तक जाकर मदद करती है। इस बात को बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर ने एक बार फिर साबित कर दिखाया है। जब बंगाल के सीमावर्ती उत्तर 24 परगना जिले में एक सजायाफ्ता चांदी तस्कर की अपहृत नाबालिग बेटी को अपने अथक व साहसिक प्रयासों से सकुशल वापस अपने देश लाने में कामयाब हुई। वहीं, बेटी की सकुशल घर वापसी के बाद परिजनों ने बीएसएफ का आभार जताया है।
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि नाबालिग लड़की सात मार्च को बांग्लादेशी नागरिक के प्रेम जाल में फंस कर बांग्लादेश चली गई थी। सीमावर्ती तराली गांव की रहने वाली लड़की के पिता हरीश मंडल (काल्पनिक नाम) चांदी तस्कर के मामले में सजायाफ्ता मुजरिम है। उन्होंने बताया कि नाबालिग के अपहृत होने की खबर जैसे ही बीएसएफ की 112वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर अरुण कुमार को मिली, उन्होंने तत्काल बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के कमांडर से संपर्क किया। उन्होंने बांग्लादेशी नागरिक द्वारा भारतीय नाबालिग लड़की के अपहरण कर सीमा पार ले जाए जाने के बारे में जानकारी दी। इसके बाद दोनों देशों के सीमा प्रहरियों के अथक प्रयासों के बाद अपहृत नाबालिग की सकुशल घर वापसी संभव हो पाई। चिकित्सकीय जांच के बाद किशोरी को परिजनों को सौंप दिया गया। वहीं, इस कार्य के जरिए सीमा प्रहरियों ने एक बार फिर अपने कर्तव्यों और देश प्रेम का परचम लहराया है।
मानवता के नाते बीएसएफ ने उठाया कदम : अधिकारी
इधर, 112वीं वाहिनी, बीएसएफ के कमांडिंग ऑफिसर अरूण कुमार ने बताया कि अपहृत लड़की का पिता पहले चांदी कि तस्करी में लिप्त रह चुका है। जिसके लिए उसे न्यायलय द्वारा दंडित भी किया जा चुका है। हालांकि उनका कहना है कि 112वीं वाहिनी द्वारा मानवता के नाते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वार्ता कर नाबालिग लड़की को वापस अपने देश लाया गया। वहीं, अपनी बेटी की सकुशल वापसी पर परिवार वालो ने बीएसएफ की 112वीं बटालियन के प्रति आभार व्यक्त किया है।