चक्रवाती तूफान 'एम्फन' से निपटने को बीएसएफ ने कसी कमर, आइजी ने की उच्च स्तरीय बैठक
एम्फन महाचक्रवात से निपटने को बीएसएफ ने कसी कमरसीमावर्ती इलाकों में बचाव और राहत कार्यों नागरिक प्रशासन के साथ सहयोग आदि को लेकर दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कोरोना संकट के बीच आ रहे चक्रवाती महातूफान एम्फन से बंगाल में भारी तबाही की आशंका के मद्देनजर इससे निपटने के लिए यहां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भी कमर कस ली है। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक योगेश बहादुर खुरानिया (आइपीएस) ने इससे निपटने व स्थिति की समीक्षा के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक की तथा इस आपदा से निपटने की तैयारियों का जायजा लिया।
उन्होंने इस विनाशकारी तूफान से निपटने, बचाव और राहत कार्यों एवं नागरिक प्रशासन को सहयोग आदि को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश निर्देश दिए। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआइजी व वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने इस बाबत एक बयान जारी कर बताया कि सीमा सुरक्षा बल बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों की मदद के लिए पूरी तरह तैयार है, जिसमें नदियों में या सुंदरवन इलाकों में स्पीड वोटों के माध्यम से लोगों का बचाव, चिकित्सा सुविधाएं, सर्च और रेस्क्यू, एंबुलेंस की सुविधाएं, लोगों में भोजन की व्यवस्था आदि शामिल है।
स्थिति से निपटने के लिए बीएसएफ के अधिकारी राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों से भी पूरे संपर्क में हैं तथा समन्वय के साथ काम करने के लिए तैयार है। एनडीआरएफ के साथ भी समन्वय है। उन्होंने कहा कि चक्रवात से होने वाली आपदा से डटकर मुकाबला करने के लिए सीमा सुरक्षा बल पूर्णतया तैयार है।
उल्लेखनीय है कि इस चक्रवात को लेकर मौसम विभाग ने बंगाल व ओडिशा में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। दरअसल, बंगाल की खाड़ी में उठे समुद्री चक्रवात एम्फन सोमवार को महाचक्रवात में बदल चुका है और बुधवार, 20 मई को दोपहर बाद इसके बंगाल के दीघा एवं बांग्लादेश के हतिया आईलैंड से टकराने की आशंका है। उस दौरान इसकी गति 170 से 180 किलोमीटर प्रति घंटे होगी और इसके कारण बंगाल के समुद्री तटवर्ती जिलों में भारी तबाही पहुंचने की आशंका है।
इधर, बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर का बॉर्डर लगभग 350 किलोमीटर नदियों से होकर गुजरता है, जिसमें 110 किलोमीटर सुंदरवन का इलाका है जहां इसटुआरी पॉइंट से लेकर सीमा चौकी वांकड़ा तक की जिम्मेवारी 27वीं वाहिनी की है। इसमें तीन फ्लोटिंग बीओपी, 45 वैसल, स्पीड बोट/ माइकनाइज्ड बोट्स आदि तैनात हैं जो कि बांग्लादेश से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी करते हैं। इसी वाहिनी के साथ 85वीं वाहिनी जो इच्छामती नदी से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा रेखा की निगरानी चौकी पानीतार तक करती है, यह इलाका भी एम्फन चक्रवात से प्रभावित होगा।
बीएसएफ अधिकारी ने बताया कि सभी फ्लोटिंग सीमा चौकियों, स्पीड बोटों, वैसल आदि को सुरक्षित स्थानों पर एंकर करने की व्यवस्था कर दी गई है तथा सीमा प्रहरियों को चक्रवात के गुजरने के समय आवश्यक हिदायतें जिनका पालन करना होगा उसके बारे में बताया गया है। इसके साथ बॉर्डर के इलाक़े में रहने वाले लोगों को जागरूक करने के लिए सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों ने आवश्यक मार्गदर्शन व सुझाव देना शुरू कर दिए हैं कि चक्रवात से बचने के लिए क्या उपाय है।
इसमें मौसम विभाग द्वारा दी जाने वाली हिदायतों को सुनते रहना तथा उनका पालन करना, रेडियो का इस्तेमाल तथा सोशल मीडिया के जरिए राज्य के आपदा विभाग तथा जिला आपदा विभाग के निर्देशों का पालन करना। चक्रवात के समय पक्के घरों/ इमारतों में अपने आप को बंद कर लेना। बिजली तथा टेलीफोन खंभों के पास ना खड़े रहना। बड़े-बड़े पेड़ों के नीचे तथा खुले मैदान में खड़े नहीं रहना आदि हैं।