West Bengal: बीएसएफ ने अवैध घुसपैठ की कोशिशों को नाकाम कर 10 घुसपैठियों को किया गिरफ्तार
West Bengal बीएसएफ के जवानों ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत और बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास घुसपैठ के प्रयासों को नाकाम करते हुए अवैध तरीके से सीमा पार करते 10 लोगों को गिरफ्तार किया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास घुसपैठ के प्रयासों को नाकाम करते हुए अवैध तरीके से सीमा पार करते 10 लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें छह बांग्लादेशी, जबकि चार भारतीय नागरिक है। बीएसएफ की ओर से रविवार को जारी एक बयान में बताया गया कि इन सभी लोगों को उत्तर 24 परगना जिले में बल की सीमा चौकी सीमा चौकी पंचबेरिया इलाके से 107वीं वाहिनी के सतर्क जवानों ने शनिवार तड़के उस वक्त गिरफ्तार किया, जब वे गैरकानूनी तरीके से सीमा पार कर भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। पकड़े गए लोगों में छह महिलाएं व चार पुरुष हैं। बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि इनमें से अधिकतर लोग काम के सिलसिले में भारत आ रहे थे।
इनकी हुई गिरफ्तारी
गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिकों में स्वप्न कुमार राय (56), निसार शेख (32), शीशुमाला राय, कुमारी माया राय (18), खदीजा बीवी (22) व खदीजा बेगम (18) हैं। यह सभी बांग्लादेश के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं। वहीं, भारतीय नागरिकों में शेख हसन (27) व उनकी पत्नी राबिया सेदी (30) के अलावा साहेब अली शेख (40) व आसमा गाजी (30) है। इनमें शेख हसन व राबिया सेदी बंगाल के बर्धमान जिले के मंगलमपुर, चिरकोना गांव का रहने वाला है। वहीं, साहेब अली शेख महाराष्ट्र के थाने जिले के मीरा रोड जबकि आसमा गाजी गुजरात के भरूच जिले का रहने वाला है। बीएसएफ के अनुसार, इनमें स्वप्न कुमार राय ने बताया कि वह 2011 में भारत आया था और बंगाल के सागर ग्रामीण हास्पिटल में काम कर रहा था। 2012 में वह बर्धमान में शादी भी कर चुका है। वह बीच में बांग्लादेश गया था और फिर काम के सिलसिले में वापस भारत आ रहा था। निसार शेख ने बताया कि वह बचपन से ही महाराष्ट्र में रह रहा है और वहां राजमिस्त्री का कार्य कर रहा था। वह 2018 में बांग्लादेश वापस चला गया था।
सीमा पार करने के लिए दलालों को दिए थे मोटी रकम
उसने वापस भारत आने के लिए सीमा पार कराने को एक आकाश नाम के एक बांग्लादेशी दलाल को 17,000 बांग्लादेशी टका दिया था। शीशुमाला राय ने बताया कि उसका बेटा जिसका नाम अनुपम दास है, बंगाल के नदिया जिले के तेहट में रहता है और वह उससे मिलने जा रही थी। इस काम के लिए उसने बोयरा के एक दलाल अभिजीत को 15,000 रुपये दिए थे। उसके साथ में उसकी नातिन माया राय भी थी। वहीं, खदीजा बेगम ने बताया कि वह ढाका में घरों में काम करती थी और एक अच्छे काम की तलाश में वह भारत आ रही थी। इस काम में कोलकाता में रहने वाला राजू नाम का एक दलाल उसकी मदद कर रहा था। उसके साथ में उसकी दोस्त खदीजा बीवी भी भारत में काम की तलाश में आ रही थी। शेख हसन ने बताया कि वह अप्रैल 2021 में बांग्लादेश अपनी बीमार नानी तथा अपनी पत्नी राबिया सिद्दीकी से मिलने गया था। उसकी पत्नी के पास पासपोर्ट नहीं था, अंत में उन्होंने भारत आने के लिए एक दलाल को 17,000 टका दिया था। वहीं, साहेब अली शेख ने बताया कि वह बचपन से ही अपने मां- बाप के साथ महाराष्ट्र में रह रहा है और वहां पर वह राजमिस्त्री का काम करता है। वह बांग्लादेश में अपने रिश्तेदारों से मिलने गया था और आज वापस भारत आ रहा था। उसके साथ एक अन्य बांग्लादेशी महिला आसमा गाजी भी काम की तलाश में भारत आ रही थी। सभी गिरफ्तार किए गए घुसपैठियों को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए बीएसएफ ने बागदा पुलिस स्टेशन के हवाले कर दिया है।
अवैध आवागमन नहीं होने देंगे : बीएसएफ
इधर, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर बीएसएफ के डीआइजी व प्रवक्ता सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि भारत - बांग्लादेश सीमा पर अवैध आवागमन की घटनाओं को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल कड़े कदम उठा रहा है। इसी का नतीजा है कि अवैध घुसपैठ की कोशिश करने वाले लोग लगातार पकड़े जा रहे हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि किसी भी हाल में वे अपने इलाके में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अवैध आवागमन नहीं होने देंगे।