West Bengal :बीएसएफ ने बांग्लादेश जा रही मालगाड़ी से 46.5 लाख की तस्करी का सामान किया जब्त
बीएसएफ के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित गेदे स्टेशन से बांग्लादेश जा रही एक मालगाड़ी की तलाशी में 46.5 लाख रुपये की तस्करी का सामान जब्त किया है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों में बंगाल के नदिया जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित गेदे स्टेशन से बांग्लादेश जा रही एक मालगाड़ी की तलाशी में 46.5 लाख रुपये की तस्करी का सामान जब्त किया है। मालगाड़ी में अवैध तरीके से इन सामानों को छिपाकर बांग्लादेश में तस्करी का प्रयास किया जा रहा था।
बीएसएफ के 54वीं बटालियन के जवानों ने इस बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। दरअसल, गेदे एक महत्वपूर्ण चेकपोस्ट है जिसके माध्यम से ट्रेनों के द्वारा नागरिकों तथा सामानों की आवाजाही भारत तथा बांग्लादेश के बीच होती है।
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अधिकारियों ने बताया कि 18 जुलाई को गेदे (एलसीएस/आइसीपी) पर जवानों ने भारत से बांग्लादेश जाने वाली मालगाड़ी जो कि नदिया के राणाघाट से चलकर अंतरराष्ट्रीय चेकपोस्ट गेदे से होते हुए दर्शना बांग्लादेश को जाने वाली थी उसकी तलाशी ली। इस दौरान मालगाड़ी की एक बोगी का गेट हल्का खुला हुआ मिला। साथ ही अंदर कुछ तस्करी के सामानों की संदेहास्पद पेटियां दिखाई दी। जवानों ने अपने अधिकारियों को सूचना दी तथा वहां पर मौजूद कस्टम विभाग (गेदे) व आरपीएफ को भी जानकारी दी गई। इसके बाद बीएसएफ के अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे तथा कस्टम विभाग व आरपीएफ की मौजूदगी में संदेहास्पद बोगी की पूरी तलाशी ली।
इस दौरान बोगी के अंदर छिपाकर रखी गई 30 पेटियां अवैध तस्करी के सामान की जब्त की गई। पेटियों को खोलने पर उसके अंदर से साड़ियां, जूते-चप्पल,सौंदर्य प्रसाधन‚ मोबाइल‚ विभिन्न प्रकार की दवाइयां तथा फेंसिडिल की बोतलें बरामद की गई। बरामद सामानों की कुल अनुमानित कीमत 46.5 लाख आंकी गई है।
इधर, 54वीं बटालियन के कमांडिंग ऑफिसर देशराज सिंह ने बताया है की गेदे तथा बानपुर का यह इलाका तस्करी के लिहाज से अत्यंत ही संवेदनशील है। तस्कर यहां पर तस्करी करने के लिए मालगाड़ी व यात्री ट्रेन का भी इस्तेमाल करते हैं।
भारत से बांग्लादेश के बीच चलने वाली इन ट्रेनों के जरिए तस्करी करने के लिए तस्कर नित-नए तरीके अपनाते रहते हैं। बीएसएफ ने इससे पहले भी मालगाड़ियों से सामान को जब्त किया है। उन्होंने बताया कि कम समय में एक मालगाड़ी की 43 बोगियों को अच्छे से जांचने में जवानों को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता है, इसके बावजूद हमारे जवान अपने ड्यूटी के प्रति पूर्ण प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस सफलता के लिए जवानों की पीठ थपथपाई।
रेलवे व कस्टम विभाग की भूमिका सवालों के घेरे में
दरअसल, मालगाड़ी के जरिए तस्करी की यह घटना हैरान कर देने वाली है और रेलवे व कस्टम विभाग की भूमिका पर कई प्रकार का सवाल खड़ा कर रही है। जानकारी के मुताबिक, राणाघाट स्टेशन पर कस्टम की जांच के बाद जिस मालगाड़ी को बांग्लादेश जाने के लिए हरी झंडी दी गई थी उसी ट्रेन से बीएसएफ के जवानों ने इतनी बड़ी मात्रा में तस्करी का सामान जब्त किया है। इस घटना के पीछे रेलवे व कस्टम विभाग के कर्मियों की तस्करों के साथ मिलीभगत की भी आशंका है।
सूत्रों के अनुसार, बीएसएफ के अधिकारियों ने इस घटना को लेकर कस्टम विभाग व रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संपर्क कर रहे हैं। बीएसएफ ने दोनों विभाग के समक्ष यह मुद्दा उठाया है कि मालगाड़ी में आखिर यह तस्करी का सामान कैसे आया है।
गौरतलब है कि इससे पहले बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने बांग्लादेश से खाली लौट रही मालगाड़ी में छिपकर आ रहे कई बांग्लादेशी नागरिकों को भी पिछले दिनों पेट्रापोल चेकपोस्ट से पकड़ा है। इनमें कई नाबालिग भी थे जिन्हें मानव तस्करों द्वारा बाल श्रम के उद्देश्य से भारत भेजा गया था। इस मामले में भी रेलवे की भूमिका सवालों के घेरे में है, क्योंकि कथित तौर पर कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते सुरक्षा के साथ यह बड़ा खिलवाड़ है। रेलवे प्रशासन को इस दिशा में कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है ताकि आगे से मालगाड़ी में इस प्रकार की घटना ना हो।