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पटसन में छिपाकर बांग्लादेश से लाई जा रही 140 किलोग्राम हिलसा मछली बीएसएफ ने की जब्त

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास तस्करी को नाकाम करते 140 किलोग्राम हिलसा (इलिश) मछलियां जब्त की है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 10:53 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 10:53 PM (IST)
पटसन में छिपाकर बांग्लादेश से लाई जा रही 140 किलोग्राम हिलसा मछली बीएसएफ ने की जब्त
पटसन में छिपाकर बांग्लादेश से लाई जा रही 140 किलोग्राम हिलसा मछली बीएसएफ ने की जब्त

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने मुर्शिदाबाद जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास तस्करी को नाकाम करते हुए 140 किलोग्राम हिलसा (इलिश) मछलियां जब्त किया है। इन मछलियों को पटसन (पाट) के अंदर छिपाकर बांग्लादेश से भारत में तस्करी की कोशिश की जा रही थी। मुर्शिदाबाद के बामनाबाद सीमा चौकी इलाके में तैनात 117वीं बटालियन के जवानों ने एक बार फिर अपनी चौकसी का परिचय देते हुए तस्करी के इस प्रयास को विफल किया।

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सूचना मिलने पर सारे ड्यूटी पॉइंट्स अलर्ट कर दिए

एक बयान में बताया गया कि 30 अगस्त को बीएसएफ के इंटेलिजेंस ब्रांच से विश्वस्त सूचना मिलने पर कार्रवाई करते हुए इलाके के सारे ड्यूटी पॉइंट्स अलर्ट कर दिए गए। इसी दौरान एक किसान खेती करने के बाद ड्यूटी पॉइंट पर पहुंचे जहां उन्हें अपने सामान की चेकिंग कराने को कहा गया। लेकिन किसान ने कटी हुई पटसन (पाट) के गट्ठर को चेक करवाने में आनाकानी करने लगा, जिस पर जवानों को संदेह हुआ। तभी किसान पाट के गट्ठर को वहीं छोड़ झाड़ियों तथा दलदली जमीन का फायदा उठाकर भाग निकला। 

जाल के अंदर छिपाकर रखी हिलसा मछलियां बरामद

जवानों द्वारा पटसन के गट्ठरों को खोलने पर उसमें जाल के अंदर छिपाकर रखी गई बड़ी संख्या में हिलसा मछलियां बरामद की गई। जवानों ने हिलसा मछली तथा मौके से एक देसी नाव भी जब्त कर लिया, जिसका बाजार मूल्य लगभग 2,35,000 रुपये हैं। वहीं, भागे हुए किसान की पहचान परिमल मंडल, ग्राम-बामनाबाद, थाना रानीनगर, जिला- मुर्शिदाबाद के रूप में हुई हैं। बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए जब्त मछलियों को कस्टम ऑफिस जलंगी को सौंप दिया है। 

तस्करी का सामान भारत लाने की फिराक में रहते हैं

बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि 117वीं बटालियन के जिम्मेवारी के ज्यादातर इलाके में तारबंदी (फैंसिंग) नहीं है। किसान और मछुआरे कामकाज करने के लिए बीएसएफ के ड्यूटी पॉइंट के आगे जाते हैं, जहां से वह तस्करी का सामान अपनी खेती-बाड़ी के सामानों के साथ छुपा कर बांग्लादेश से भारत लाने की फिराक में रहते हैं। परंतु बीएसएफ के मुस्तैद जवानों द्वारा दिन- रात ड्यूटी में दिखाएं गई तत्परता के कारण भारतीय या बांग्लादेशी तस्कर अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाते हैं।


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