बीएसएफ ने मानव तस्करी की शिकार बांग्लादेशी महिला को बचाया, सुनाई आपबीती, देह व्यापार के धंधे में धकेल दिया था दलाल
महिला ने बताया कि 10- 15 दिन काम करने के बाद कालू बांग्लादेश से भारत आया और उसे एक वेश्या खाना में 25000 में एक व्यक्ति के हाथों उसे बेच दिया। महिला ने अपनी आपबीती बताते हुए बताया कि उससे वहां पर जबरदस्ती करवाया गया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता । दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने अपनी जिम्मेवारी के इलाके से मानव तस्करी की शिकार एक बांग्लादेशी महिला को अवैध तरीके से अंतराष्ट्रीय सीमा पार करते पकड़ा है। पीड़ित महिला उत्तर 24 परगना जिले में बीएसएफ की सीमा चौकी हाकिमपुर, 112वीं वाहिनी के क्षेत्र से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत से बांग्लादेश जा रही थी।
बीएसएफ की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि 25 जनवरी को एक पुख्ता जानकारी के आधार पर, सीमा चौकी हाकिमपुर, 112वीं वाहिनी, सेक्टर कोलकाता, के जवानों ने ड्यूटी के दौरान एक महिला को अवैध तरीके से सीमा पार करते देखा जो कि भारत से बांग्लादेश जाने की कोशिश कर रही थी। महिला की पहचान रोशनी बेगम,(काल्पनिक नाम, उम्र 32 वर्ष), जिला- नरैल, बांग्लादेश के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ में महिला ने बीएसएफ को बताया कि बचपन में ही पिता के गुजरने के बाद उसकी मां सेकेला बेग़म (काल्पनिक नाम) ने एक बंगलादेशी व्यक्ति हाबी से दूसरी शादी कर ली थी। जो कि बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के डायमंड हार्बर में रहती है।
2014 में उसने एक बांग्लादेशी व्यक्ति से शादी कर ली और उसके दो बच्चे है। महिला ने बताया कि घरेलू मामलों की वजह से उसके पति ने उसको छोड़ दिया और वह अपनी दादी के पास रहने लगी। उसने बताया कि पैसे की तंगी की वजह से वह एक बांग्लादेशी व्यक्ति कालू, से मिली जिसने उसे भारत में काम दिलाने का वादा किया और पैसों के लालच में आकर महिला ने भारत आने का फैसला किया। इस काम के लिए कालू ने उससे 25,000 बांग्लादेशी टका लिया। अवैध तरीके से सीमा पार करने के बाद वह चांदीतला, श्याम नगर, नदिया, पश्चिम बंगाल में आई और यहां एक घर में काम करने लगी।
मानव तस्कर दलाल ने महिला को देह व्यापार में धकेल दिया था
महिला ने आगे बताया कि 10- 15 दिन काम करने के बाद कालू बांग्लादेश से भारत आया और उसे वहां से मटिया इलाके में ले गया और वहां एक वेश्या खाना में 25,000 में एक व्यक्ति के हाथों उसे बेच दिया। महिला ने अपनी आपबीती बताते हुए बताया कि उससे वहां पर जबरदस्ती करवाया गया। उसने बताया कि वहां चार से पांच और बांग्लादेशी लड़कियां थी जो कि देह व्यापार का काम करती है।
लड़के का सड़क हादसे में निधन के बाद जा रही थी बांग्लादेश
उसने आगे बताया कि चार दिन पहले उसके लड़के का सड़क हादसे में निधन हो गया है, इसीलिए वह अपनी मां और बेटी से मिलने के लिए बांग्लादेश जा रही थी। जैसे ही वह सीमा को अवैध तरीके से पार कर रही थी तो सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने उसे पकड़ लिया।इधर, सलप एनजीओ ने इसे मानव तस्करी का केस बताया है। बीएसएफ ने पकड़ी गई महिला को स्वरूपनगर पुलिस स्टेशन को सौंप दिया है।
मानव तस्करी रोकने को बीएसएफ प्रतिबद्ध
इधर, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर बीएसएफ के डीआइजी व वरिष्ठ प्रवक्ता सुरजीत सिंह गुलेरिया ने ने अपने जवानों द्वारा मानव तस्करी की शिकार बंगलादेशी महिला को मुक्त कराने की इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की है। साथ ही उन्होने बताया कि यह हमारे जवानों की सतर्कता और सावधानी पूर्वक डयूटी का परिणाम है। उन्होंने आगे बताया कि दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, बीएसएफ ने मानव तस्करी को पूरी तरह रोकने के लिए सीमावर्ती इलाकों में संवेदनशील जगहों पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को तैनात किया है। पिछले साल जनवरी में इस यूनिट की स्थापना के बाद से अब तक बड़ी संख्या में बांग्लादेशी महिलाओं को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया गया है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि बहुत हद तक इस बार्डर इलाके से मानव तस्करी पर अब शिकंजा कस दिया गया है।