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बीएसएफ ने बंगलादेशी युवती को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया, दलाल भी गिरफ्तार

बांग्लादेशी युवती को अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करा कर जब भारत लाने की कोशिश की जा रही थी तभी हकीमपुर सीमा चौकी इलाके से 112वीं बटालियन के जवानों ने दोनों को पकड़ लिया। बंगलादेशी युवती को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाने के साथ दलाल भी गिरफ्तार किया।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 07:36 AM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 07:36 AM (IST)
बीएसएफ ने बंगलादेशी युवती को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया, दलाल भी गिरफ्तार
बंगलादेशी युवती को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाने के साथ दलाल भी रंगे हाथों गिरफ्तार

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से एक बंगलादेशी युवती को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाने के साथ एक दलाल को भी रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।

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बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से बुधवार को एक बयान जारी कर बताया गया कि बांग्लादेशी युवती को अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करा कर जब भारत लाने की कोशिश की जा रही थी तभी हकीमपुर सीमा चौकी इलाके से 112वीं बटालियन के जवानों ने दोनों को पकड़ लिया। बयान के मुताबिक, 13 अक्टूबर को लगभग 10:30 बजे सीमा चौकी हकीमपुर इलाके में एक मोटरसाइकिल सवार व्यक्ति और महिला को आते देखा। जवानों ने उन्हें चेकिंग के लिए रोका। चेकिंग के दौरान दोनों के पास कोई भी पहचान पत्र नहीं था। 24 वर्षीय युवती से पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह बांग्लादेश के यशोर जिले की रहने वाली है।

वहीं, दलाल का नाम संन्तु गाज़ी (33) है। वह उत्तर 24 परगना जिले के स्वरूप नगर थाना अंतर्गत तराली गांव का रहने वाला है। बांग्लादेशी युवती ने आगे बताया कि वह 6 वर्ष पहले भारत में अवैध तरीके से सीमा को पार कर आई थी और ठाणे, मुंबई चली गई। वहां वह गणेश दास जो कि ठाणे, मुंबई का रहने वाला है, के घर में काम करने लगी। 4 वर्ष पहले वह फिर सीमा पार कर बांग्लादेश अपने परिवार से मिलने के लिए गई। 12 अक्टूबर को वह मानव तस्करी में शामिल दलाल मनीरूल सरदार की मदद से भारत भारतीय सीमा में आ गई और रात को उसी के घर में रुकी जिसके लिए उसने मनीरूल को 10,000 रुपये दिए।

फिर 13 अक्टूबर को मनीरूल ने सन्तु गाज़ी को बुलाया और हमें दत्ता पाड़ा पहुंचाने के लिए उसके हवाले कर दिया। जैसे ही वह दोनों हकीमपुर चेकपोस्ट पार कर रहे थे तो सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने दोनों को पकड़ लिया।

वहीं, पूछताछ में मानव तस्कर दलाल संन्तु गाज़ी ने बताया कि वह अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए छोटी मोटी तस्करी का काम करता है। उसने बताया कि इस बांग्लादेशी महिला को दत्तापाड़ा छोड़ने के लिए उसे 500 रुपये मिलते। बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए बांग्लादेशी महिला और भारतीय दलाल को स्वरूपनगर थाने के हवाले कर दिया है। 


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