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बीएसएफ ने सीमा पर एक बांग्लादेशी महिला को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया

महिला ने खुलासा किया कि उसे विकास नाम का व्यक्ति जो बांग्लादेश का रहने वाला है साल 2016 में भारत लेकर आया था और मुंबई की रेड लाइट इलाके में 240000 रुपये में बेच दिया और फिर वहां से उसे पुणे में 200000 में दोबारा बेच दिया।

By PRITI JHAEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 11:50 AM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 11:50 AM (IST)
बीएसएफ ने सीमा पर एक बांग्लादेशी महिला को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया
मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराई गई बांग्लादेशी महिला।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास एक बांग्लादेशी महिला को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया है। बीएसएफ द्वारा जारी बयान में बताया गया कि महिला को इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आइसीपी) पेट्रापोल क्षेत्र से 179 बटालियन के जवानों ने उस वक्त बचाया जब मानव तस्करी के दलाल उस महिला को अवैध तरीके से सीमा पार करवाने की कोशिश कर रहे थे।

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बयान के अनुसार, 24 जनवरी को खुफिया जानकारी के आधार पर आइसीपी पेट्रापोल, 179 वाहिनी, सेक्टर कोलकाता के जवान सीमा पर गेट के पास ड्यूटी कर रहे थे। उसी समय जवानों ने गेट के पास (भारत की ओर) एक महिला को किसी आदमी के साथ वहां खड़े देखा। जैसे ही बीएसएफ जवान उसकी तरफ बढ़े, तभी महिला के पास खड़ा व्यक्ति वहां से भाग गया। वहीं, जवान ने जब महिला से परिचय पूछा तो उसने बताया कि वह बंगलादेश की नागरिक हैं। महिला का नाम मकसूदा मतोबार (25) है। वह बांग्लादेश के बारगुणा जिले के गांव होरिनखोला की रहने वाली है। इसके बाद बीएसएफ की नवगठित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने महिला से आगे की पूछताछ की।

2016 में महिला को लाया गया था भारत, मुंबई की रेड लाइट एरिया में बेच दिया गया

महिला ने खुलासा किया कि उसे विकास नाम का व्यक्ति जो कि बेनापोल, बांग्लादेश का रहने वाला है, साल 2016 में भारत लेकर आया था और मुंबई की रेड लाइट इलाके में 2,40,000 रुपये में बेच दिया और फिर वहां से उसे भुद्वारपेट, पुणे में 2,00,000 में दोबारा बेच दिया। वहां उससे जबरदस्ती करवाया गया।

उसी दौरान वह भोला विश्वास जो कि मंडलपारा, पुलिस थाना- गायघाटा, बनगांव, जिला- उत्तर 24 परगना, पश्चिम बंगाल का रहने वाला हैं, से मिलीं। भोला, पुणे में वेल्डिंग का काम करता है और उसने भोला के साथ शिवाजी नगर, पुणे में रहना शुरू कर दिया। वह लॉकडाउन से पहले बांग्लादेश गई थी और वहां दो महीने रहने के बाद फिर वापस भारत आकर बेंगलुरु में बेलंदूर सेंटर मॉल के पास रहना शुरू कर दिया।

अब वापस बांग्लादेश लौटना चाहती थी महिला

23 जनवरी, 2021, को वह बेंगलुरु से कोलकाता हवाई जहाज के माध्यम से आई और वहां से गाड़ी पकड अंतरराष्ट्रीय सीमा तक पहुंची और वह वापस बांग्लादेश लौटना चाहती थी। परंतु, उसके पास कोई भी कानूनी दस्तावेज नहीं था। उसने बताया कि भारत में उसका कोई रिश्तेदार नहीं है । उसने यह भी बताया है कि 2016 में वह सऊदी अरबिया भी गई थी, परंतु बीमारी के कारण उसे वापस बांग्लादेश भेज दिया गया। फिर वह विकास के झांसे में आकर भारत आ गई और भारत आने पर उसे जबरदस्ती बेच दिया गया।

बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए पकड़ी गई बांग्लादेशी महिला को पुलिस थाना पेट्रापोल को सौंप दिया है। इधर, 179 वाहिनी, बीएसएफ के कमांडिंग ऑफिसर ने अपने जवानों की उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेशी महिला को मानव तस्करों से बचाया गया है। उन्होंने कहा कि यह केवल उनके जवानों द्वारा ड्यूटी पर प्रदर्शित की गई सतर्कता के कारण ही संभव हो सकता है। 


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