बीएसएफ ने 18 पॉलीबैग मत्स्य डिंब के साथ महिला समेत दो बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा
बीएसएफ ने 18 पॉलीबैग मत्स्य डिंब के साथ के साथ महिला समेत दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से बताया गया कि जब्त मत्स्य डिंब (मछली का जीरा) की अनुमानित कीमत 90000 रुपये है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता । बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में सीमा चौकी पानीतार इलाके में भारत- बांग्लादेश सीमा के पास सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने 18 पॉलीबैग मत्स्य डिंब के साथ के साथ महिला समेत दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से एक बयान में बताया गया कि जब्त मत्स्य डिंब (मछली का जीरा) की अनुमानित कीमत 90,000 रुपये है। इसे सीमा चौकी पानीतार, 153वीं वाहिनी के क्षेत्र से तस्करी के लिए बांग्लादेश ले जाया जा रहा था।
दोनों ही बांग्लादेशी नागरिकों ने पूछताछ में खुलासा किया कि वे लोग दलाल की मदद से वापस बांग्लादेश जा रहे थे। तभी राकेश गाजी तथा रहिम गाजी नाम के भारतीय दलालों ने उनको कुछ मत्स्य डिंब दे दिए थे जो अंतरराष्ट्रीय सीमा क्रॉस करने के बाद बांग्लादेशी तस्कर इसे अपने आप ले लेते।बयान के मुताबिक, 21 मई को दैनिक गश्त के दौरान जवानों ने दो संदिग्ध व्यक्तियों की हरकत देखी जो दो बड़े बैग (पोटला) के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा की तरफ भारत से बांग्लादेश की तरफ जाने की फिराक में थे। जब पेट्रोलिंग पार्टी ने उन्हें चुनौती दी तो दोनों वापस भारतीय क्षेत्र मे भागने की कोशिश करने लगे। जवानों ने शीघ्र ही पीछा कर उन्हें पकड़ लिया। जब पट्रोलिंग पार्टी ने इलाके की तलाशी ली तो वहां से 18 पॉलीबैग मत्स्य डिंब बरामद हुआ।
पकड़े गए लोगों की पहचान शनजीदा यासमीन रूपा (महिला), उम्र- 24 वर्ष, ग्राम+ डाकघर+ थाना- लक्षम, जिला- कुमिला (बांग्लादेश) तथा एक अन्य लिट्टन मोल्ला (30), ग्राम- कदमताली, जिला- राजबरी (बांग्लादेश) के रुप मे हुई है।पूछताछ में महिला यासमीन रूपा ने बताया कि वह बांग्लादेशी नागरिक है तथा पांच माह पूर्व एक बांग्लादेशी दलाल माया बेगम की मदद से वह अपने पति (मियां राज गाजी) के साथ अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा क्रॉस कर भारत में आई थी।
बेंगलुरु में काम करती थी महिला, लॉकडाउन के चलते जा रही थी वापस बांग्लादेश
भारत में आने के बाद बेंगलुरु में अरविंद गारर्मेंट्स नाम की एक फैक्ट्री में मजदूरी का काम कर रहे थे, लेकिन कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन लगने से वापस बांग्लादेश जाने का निर्णय लिया।इसके लिए राकेश गाजी तथा रहिम गाजी नाम के भारतीय दलाल से 12,000 रुपये में अवैध रूप से अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कराने की बात हुई थी। लेकिन 21 मई सुबह करीब 4:00 बजे दलालों की मदद से जब वह अपने पति के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा क्रॉस करने जा रही थी तो जवानों ने उसे पकड़ लिया, जबकि उसके पति तथा उक्त दलाल वापस भारतीय क्षेत्र में भागने में सफल रहे।
दूसरा व्यक्ति तमिलनाडु में करता था दर्जी का काम
अन्य तस्कर लिट्टन मोल्ला ने पूछताछ में बताया कि वह बांग्लादेशी नागरिक है तथा दर्जी (कपड़ा सिलाई) का कार्य करता है। जुलाई 2018 में एक अपरिचित बांग्लादेशी दलाल की मदद से वह सीमा क्रॉस कर भारत आया था जिसके बदले उसने दलाल को 8,000 रुपये दिए थे। भारत में आने के बाद वह त्रिपुर (तमिलनाडु) जाकर दर्जी (कपड़ा सिलाई) का कार्य करने लगा। अपने परिवार से मिलने के इरादे से वापस वह बांग्लादेश जाना चाहता था, जिसके लिए राकेश गाजी नाम के भारतीय दलाल के साथ अवैध रूप से अंतरराष्ट्रीय सीमा क्रॉस कराने की डील हुई थी। गिरफ्तार तस्कर तथा जब्त मत्स्य डिंब को आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए पुलिस स्टेशन बशीरहाट को सौंप दिया गया है।
बीएसएफ कमांडेंट ने जवानों की प्रशंसा की
इधर, 153वीं बटालियन, बीएसएफ के कमांडिंग ऑफिसर जवाहर सिंह नेगी ने अपने जवानों की उपलब्धि पर खुशी व्यक्त की। साथ ही उन्होंने बताया की तस्करी को रोकने व इसमें शामिल लोगों को कठोर दंड दिलाने के लिए उन्होंने अपने इलाके के पुलिस अधिकारियों तथा अन्य एजेंसियों से भी सहयोग मांगा है।