बीएसएफ ने उत्तर 24 परगना जिले से भारत में घुसपैठ करते तीन बांग्लादेशी किशोर को पकड़ा
बीएसएफ ने उत्तर 24 परगना जिले से भारत में घुसपैठ करते तीन बांग्लादेशी किशोर को पकड़ा भारत में काम के सिलसिले में घर से भाग कर आए थे तीनों किशोर
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से भारत में घुसपैठ करते तीन बांग्लादेशी किशोर को पकड़ा है। एक बयान में कहा गया कि तीनों किशोर को आईसीपी पेट्रापोल इलाके से 179वीं बटालियन के जवानों ने रात में उस वक्त पकड़ा जब ये अवैध तरीके से अंतरराष्ट्रीय सीमा लांघ कर भारतीय क्षेत्र में आने की कोशिश कर रहे थे। तीनों किशोर बांग्लादेश के खुलना जिले के गुटुड़िया गांव के हैं।
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि ये तीनों अपने घर से भाग कर आए थे क्योंकि उन्हें कोरोना महामारी के कारण कोई काम नहीं मिल रहा था और बेरोजगारी के कारण उनके माता-पिता द्वारा डांटा जाता था। इसलिए वे भारत में काम की तलाश में आए थे।इनमें दो की उम्र 16 साल जबकि एक की उम्र 14 साल है।अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करने के लिए उन्होंने बांग्लादेश के सीमावर्ती गांव दौलतपुर के एक व्यक्ति (दलाल) का सहारा लिया। इस काम के लिए उन्होंने इस दलाल को 2000 बांग्लादेशी टका भी दिया था।
ऐसे पकड़ाए तीनों किशोर
अधिकारियों ने बताया कि आईसीपी पेट्रापोल पर बीएसएफ के जवान नियमित गश्त कर रहे थे। इसी दौरान रात लगभग 8 बजे गश्ती दल को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास कुछ लोगों की संदिग्ध गतिविधियां दिखाई दी। नजदीक जाने पर देखा कि 3 किशोर अवैध तरीके से भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। जब गश्ती दल ने उनको चुनौती दी तो तीनों घबरा गए और अपनी स्थान पर रुक गए। इसके बाद जवानों ने उन्हें अपनी हिरासत में ले लिया।
बीएसएफ के अनुमान के अनुसार इस मामले में अभी तक यह निश्चित नहीं हो पाया कि यह मामला कहीं बाल तस्करी का है।हालांकि इस संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता। क्योंकि अक्सर मानव तस्करी गिरोह में शामिल दलाल बाल श्रम के उद्देश्य से बच्चों को अवैध रूप से सीमा पार करा कर भारत में भेजने की कोशिश करते है। बीएसएफ ने आगे की जांच व कानूनी कार्रवाई के लिए तीनों किशोर को पेट्रापोल थाने को सौंप दिया है।