बंगबंधु की 100वीं जयंती पर शुरू हुई बीएसएफ की ऐतिहासिक 'मैत्री साइकिल रैली', पूर्व सेनाध्यक्ष ने दिखाई हरी झंडी
मैत्री रैली पूर्व सेना प्रमुख जनरल चौधरी ने कहा भारत व बांग्लादेश की मैत्री हमेशा इसी तरह अटूट व अक्षुण्ण रहे। 66 दिनों की यात्रा करते हुए 4097 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा से गुजरेगी यह साइकिल रैली। प्रत्येक दिन 90 से 100 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे साइकिल दल।
कोलकाता/ (बांग्लादेश बार्डर) , राजीव कुमार झा। भारत और बांग्लादेश के बीच दशकों से बेहद ही दोस्ताना संबंध हैं। बांग्लादेश अपने देश के संस्थापक व राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की 100वीं जयंती के अवसर पर साल 2020- 21 को 'मुजीब वर्ष' के रूप में मना रहा है। भारत में भी बंगबंधु की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन्हीं कार्यक्रमों की श्रृंखला में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के प्रयासों के तहत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) बंगबंधु की 100वीं जयंती समारोह 'मुजीब वर्ष' के उपलक्ष्य में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए ऐतिहासिक 'मैत्री साइकिल रैली' का आयोजन किया है।
दस जनवरी, रविवार को यह मैत्री साइकिल रैली बंगाल के सीमावर्ती उत्तर 24 परगना जिले में बीएसएफ की सीमा चौकी पानीतार (मेन पिलर-1), 153वीं बटालियन से शुरू हुई। देश के पूर्व सेना प्रमुख जनरल शंकर राय चौधरी ने सीमा चौकी पानीतार में आयोजित भव्य कार्यक्रम में सुबह 11:00 बजे इस साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के आइजी अश्विनी कुमार सिंह सहित सीमा सुरक्षा बल एवं बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के वरिष्ठ अधिकारियों तथा स्थानीय गणमान्य लोग मौजूद थे।रैली को रवाना करने के मौके पर पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि हम चाहते हैं कि भारत व बांग्लादेश की मैत्री हमेशा इसी तरह अटूट व अक्षुण्ण रहे।
66 दिनों तक चलेगी यह साइकिल रैली, 4,097 किलोमीटर की तय करेंगे दूरी
इस अवसर पर आइजी अश्विनी कुमार सिंह ने कहा कि इस मैत्री साइकिल रैली से दोनों देशों व सीमा रक्षकों के संबंध और सुदृढ़ होंगे। उन्होंने कहा कि इस मैत्री रैली का उद्देश्य बंगबंधु के प्रति सम्मान के साथ भारत- बांग्लादेश सीमा पर रहने वाले लोगों के साथ मित्रता व सद्भाव विकसित करना, उनमें सुरक्षा की भावना पैदा करना, बीएसएफ तथा बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश में मित्रता बढ़ाना तथा सीमा पर अपराधों को रोकने के लिए बॉर्डर पर रहने वाले लोगों को जागरूक करना एवं उन्हें नशाखोरी से दूर रहने का संदेश देना है। उन्होंने बताया कि 17 मार्च 2021 तक यह रैली चलेगी। इस रैली में 13 साइकिलिस्ट हिस्सा ले रहे हैं और 66 दिनों की यात्रा करते हुए 4,097 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश बॉर्डर इलाके से छह सीमावर्ती राज्यों बंगाल, असम, त्रिपुरा, मणिपुर, मेघालय तथा मिजोरम से यह रैली गुजरेगी। 17 मार्च 2021 को बॉर्डर आउट पोस्ट सिल्कोर, 60वीं बटालियन, मिजोरम सीमा पर इस साइकिल रैली का समापन होगा।
प्रत्येक दिन 90 से 100 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे साइकिल दल
आइजी ने बताया कि रैली के दौरान इसमें शामिल साइकिल सवारों का दल प्रत्येक दिन 90 से 100 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे और अंतरराष्ट्रीय सीमा के साथ लगे सीमा चौकियों पर रात गुजारेंगे।रास्ते में विभिन्न सीमा चौकियों पर बीएसएफ द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे जिसमें स्थानीय सरकारी अधिकारियों तथा बॉर्डर के पास रहने वाले लोगों को आमंत्रित किया जाएगा, जो कि साइकिल सवारों का उत्साहवर्धन करेंगे।साइकिल रैली के दौरान इसमें शामिल सदस्य रास्ते में जगह-जगह पर सीमावर्ती गांवों के लोगों को जागरूक भी करेंगे और दोनों देशों की सुरक्षा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बताएंगे। पहले दिन साइकिल रैली में खुद आइजी ने भी हिस्सा लिया और उन्होंने इसकी अगुवाई करते हुए अन्य साइकलिस्टों के साथ दिनभर साइकिल चलाई।रैली शुरू होने के अगले दिन 11 जनवरी को उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट पेट्रापोल में इस साइकिल रैली के स्वागत में भव्य समारोह का आयोजन किया जाएगा।