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West Bengal: बीएसएफ ने दो बांग्लादेशी युवतियों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया

बंगाल फ्रंटियर ने इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक्टिव किया हुआ है जो लगातार लड़कियों को तस्करों के चंगुल से आजाद कराने में लगी हुई है। बीएसएफ जवानों ने बांग्लादेशी युवतियों को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया है।

By Priti JhaEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 09:30 AM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 09:30 AM (IST)
West Bengal: बीएसएफ ने दो बांग्लादेशी युवतियों को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया
बीएसएफ जवानों ने बांग्लादेशी युवतियों को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया है

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के सतर्क जवानों ने दो बांग्लादेशी युवतियों को मानव तस्करों के चंगुल से बचाया है, जब उन्हें बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में बीएसएफ की सीमा चौकी तराली क्षेत्र से अवैध तरीके से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करा कर भारत भेज जा रहा था। दोनों युवतियों को दो अप्रैल को बीएसएफ ने सीमा के पास से हिरासत में लिया।

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बीएसएफ की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि सीमा चौकी तराली, 112वीं वाहिनी, सेक्टर कोलकाता के जवान दैनिक पेट्रोलिंग पर थे। इसी दौरान पेट्रोलिंग पार्टी को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास कुछ संदिग्ध लोगों की हरकत दिखाई दी। जब पेट्रोलिंग पार्टी नजदीक पहुंची तो देखा की कुछ लोग बांग्लादेश की तरफ से भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास कर रहे हैं, जिनके साथ दो बांग्लादेशी युवतियां भी थी।

बीएसएफ जवानों को अपनी ओर आता देख, तस्कर (दलाल) दोनों युवतियों को मौके पर ही छोड़ कर बांग्लादेश की तरफ भाग निकला। इसके बाद जवानों द्वारा दोनों ही महिलाओं को हिरासत मे ले लिया गया तथा इन्हे सीमा चौकी तराली में पूछताछ के लिए लाया गया। प्रारंभिक पूछताछ में दोनों युवतियों ने अपनी पहचान सुमी अख्तर, (काल्पनिक नाम, उम्र -21वर्ष,), जिला-गोपालगंज, बांग्लादेश तथा बरन अख्तर (काल्पनिक नाम, उम्र -18 वर्ष), जिला- रंगपुर, बांग्लादेश बताया। आगे दोनों ही युवतियों ने बताया कि वे आपस में मित्र हैं तथा दोनों ही ढाका में हासिम शेख नामक व्यक्ति के घर मे किराए पर रहतीं हैं तथा वेश्यावृति का कार्य करतीं हैं। वे दोनों पहली बार भारत आ रही थी। ढाका में उनकी मुलाकात एक वृष्टि नाम की बांग्लादेशी महिला से हुई थी जो मुंबई, भारत मे रहती है। उसने दोनों को मुंबई आने को बोला था ताकि यहां वे ज्यादा पैसा कमा सके तथा उसने भारत में स्थाई तौर पर रहने के लिए भी आश्वासन दिया था। इसके लिए उसने दलाल की मदद से अंतर्राष्ट्रीय सीमा को पार करने के लिए 20,000 रुपये भी लिए । इसके बाद उसने हम दोनों को शाहीन नाम के एक भारतीय दलाल की मदद से अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार करवाया, लेकिन बीएसएफ की ड्यूटी लाइन पार करने के दौरान सीमा सुरक्षा बल के जवानों ने उन्हें हिरासत मे ले लिया वहीं, तस्करों से बचाई गई महिलाओं को पुलिस स्टेशन स्वरूपनगर में कानूनी कार्यवाही के लिये सौंप दिया गया।

बीएसएफ कमांडेंट ने जवानों को दी शाबाशी

इधर, 112 वीं बटालियन के कार्यवाहक कमांडिंग ऑफिसर चंद्रशेखर ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर हो रहे ऐसे घिनौने अपराध की कड़ी निंदा करते हुए बताया कि अक्सर दलाल भोली-भाली बांग्लादेशी लड़कियों को ज्यादा पैसों का लालच देकर उन्हें देह व्यापार की दलदल में धकेल, इनके भविष्य से खिलवाड़ करते हैं। बांग्लादेशी लड़कियां इन कुख्यात तस्करों के जाल में फंस जाती हैं। बंगाल फ्रंटियर ने इस तरह के अपराधों को रोकने के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक्टिव किया हुआ है जो लगातार लड़कियों को तस्करों के चंगुल से आजाद कराने में लगी हुई है। 


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