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बीएसएफ ने बांग्लादेशी युवतियों को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया, मानवीय आधार पर बीजीबी को सौंपा

जवानों ने दोनों युवतियों को सोमवार देर रात उस समय मुक्त कराया जब दलाल उन्हें अवैध तरीके से सीमा पार कराने की कोशिश कर रहे थे। प्रारंभिक जांच के बाद बीएसएफ ने सद्भावना स्वरुप मानवीय आधार पर दोनों युवतियों को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को सौंप दिया है।

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 27 Apr 2021 07:33 PM (IST)Updated: Tue, 27 Apr 2021 07:46 PM (IST)
बीएसएफ ने बांग्लादेशी युवतियों को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया, मानवीय आधार पर बीजीबी को सौंपा
बीएसएफ ने बांग्लादेशी युवतियों को मानव तस्करों के चंगुल से छुड़ाया

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने बंगाल के नदिया जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से दो बंग्लादेशी युवतियों को मानव तस्करी के दलालों के चंगुल से आजाद कराया है। अधिकारियों ने बताया कि सीमा चौकी जीतपुर इलाके में 99वीं वाहिनी के सतर्क जवानों ने दोनों युवतियों को सोमवार देर रात उस समय मुक्त कराया जब दलाल उन्हें अवैध तरीके से सीमा पार कराने की कोशिश कर रहे थे। प्रारंभिक जांच के बाद बीएसएफ ने सद्भावना स्वरुप मानवीय आधार पर दोनों युवतियों को बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को सौंप दिया है।

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मंगलवार को बीएसएफ की ओर से जारी बयान में बताया गया कि बल की खुफिया शाखा को सीमा चौकी जीतपुर के इलाके से मानव तस्करी होने की सूचना मिली। जिसके आधार पर जवानों ने संदिग्ध इलाके में एक विशेष घात लगाया।रात तकरीबन 11:30 बजे घात लगाए जवानों ने बंग्लादेश की ओर से तीन से चार लोगो की हरकत देखी। जैसे ही वो लोग घात लगाए जवानों के पास आए तो जवानों ने उन्हे रुकने को कहा, जिस पर वो लोग (दलाल) दोनों युवतियों को छोड़कर अंधेरे और घनी झाड़ियों की आड़ लेकर भागने में कामयाब हो गए।

इसके बाद बीएसएफ जवानों ने दोनों युवतियों को हिरासत में लेकर आगे की पूछताछ के लिए सीमा चौकी जीतपुर लेकर आए। 22 वर्षीय दोनों युवतियों ने अपनी पहचान बांग्लादेश के झेनैदा जिले का निवासी बताया। आगे की पूछताछ में उन्होंने बताया कि वे दोनो बचपन की दोस्त हैं और दोनों का तलाक हो रखा है। सोनी अख्तर (काल्पनिक नाम) ने बताया कि उसकी चचेरी बहन पिछले आठ साल से चेन्नई में रहती हैं। जिसने उन्हें भारत में आने को कहा और वहां कोई काम दिलाने का वादा किया। आज वे लोग बंग्लादेशी दलाल कमल की मदद से सीमा पार कर रहे थे। इधर, पकड़ी गई दोनों युवतियों के अपराध की गंभीरता को देखते हुए बीएसएफ ने मानवीय आधार पर मंगलवार को उन्हें बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के हवाले कर दिया।

बांग्लादेशी युवतियों को नौकरी का झांसा देकर देह व्यापार में धकेल देते है मानव तस्कर

इधर, दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के प्रवक्ता व डीआइजी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि अक्सर देखा जाता है कि मानव तस्करी में शामिल दलाल बांग्लादेश की गरीब व भोली - भाली युवतियों को अच्छी नौकरी व पैसे का लालच देकर सीमा पार करा कर भारत लाते हैं और यहां उन्हें देह व्यापार जैसे घिनौने काम में झोंक देते हैं। एक बार इस दलदल में फंसने के बाद इनका पूरा जीवन तबाह हो जाता है। गुलेरिया ने कहा कि सीमा पर मानव तस्करी को रोकने के लिए बीएसएफ इन दिनों बेहद कड़े कदम उठा रही है।

बीएसएफ कमांडेंट ने जवानों की प्रशंसा की

इधर, 99वीं वाहिनी, बीएसएफ के कमांडेंट संजीव कुमार ने दोनों बांग्लादेशी युवतियों को मानव तस्करों के चंगुल से आजाद कराने के लिए अपने जवानों की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि भारत - बांग्लादेश सीमा पर घुसपैठ और मानव तस्करी को रोकने के लिए सीमा सुरक्षा बल कड़े कदम उठा रही हैं। जिससे इस प्रकार के अपराधो में लिप्त व्यक्तियों को काफी मुश्किल का अनुभव हो रहा है और उनमें से कुछ पकड़े जा रहे हैं और उन्हें कानून के मुताबिक सजाएं हो रही है। साथ ही बांग्लादेशी नागरिकों को उनके अपराध की गंभीरता को देखते हुए मानवीय आधार और दोनो देशों की सीमा सुरक्षा बलो के आपसी सद्भावना के चलते उन्हें बॉर्डर गार्ड बंग्लादेश को सौंपा जा रहा है। साथ ही बीएसएफ की इस प्रकार की कार्यवाही से बंग्लादेशी दलालों के खिलाफ भी बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश को भी कानूनी कार्यवाही करने में मदद मिल रही है। 


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