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बीएसएफ ने बंगलादेशी युवती को मानव तस्करों से कराया मुक्त, एक दलाल को भी दबोचा

बीएसएफ ने बंगलादेशी युवती को मानव तस्करों से कराया मुक्त एक दलाल को भी दबोचा

By Preeti jhaEdited By: Published: Tue, 18 Aug 2020 01:42 PM (IST)Updated: Tue, 18 Aug 2020 01:42 PM (IST)
बीएसएफ ने बंगलादेशी युवती को मानव तस्करों से कराया मुक्त, एक दलाल को भी दबोचा
बीएसएफ ने बंगलादेशी युवती को मानव तस्करों से कराया मुक्त, एक दलाल को भी दबोचा

कोलकाता, राज्य ब्यूरो।  सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के जवानों बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास से एक बांग्लादेशी युवती को मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराया है। बांग्लादेशी युवती के साथ एक दलाल को भी गिरफ्तार किया गया है जो उसे अवैध रूप से वापस पड़ोसी देश भेजने की कोशिश कर रहा था।

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अधिकारियों ने बताया कि दोनों को उत्तर 24 परगना के भीठारी सीमा चौकी इलाके से सोमवार को 112वीं बटालियन के जवानों ने पकड़ा। पूछताछ में पता चला है कि बांग्लादेशी युवती लगभग 1 वर्ष पूर्व मानव तस्करों द्वारा रोजगार व जिस्मफरोशी के धंधे के लिए बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में लाई गई थी। महिला बांग्लादेश के गायबन्द जिले की रहने वाली है। उसके पास से कुछ स्वर्ण आभूषण भी बरामद हुए हैं जिसकी कीमत 61,666 रुपये है। वहीं, पकड़े गए भारतीय दलाल का नाम तारिकुल गाज़ी (31) है। वह उत्तर 24 परगना के हकीमपुर गांव का रहने वाला है। 

इधर, दलालों के हाथों से मुक्त कराई गई बंगलादेशी महिला ने बताया कि वह जुलाई, 2019 में अपनी एक साथी जिसका नाम रूपा हैे, के साथ बेनापोल- पेट्रापोल बॉर्डर से भारत में आई और एक महीना बनगांव में रही। उसके पश्चात वह कोलकाता के रेड लाइट एरिया सोनागाछी में 15 दिन रहीं। उसके पश्चात वह रूपा के साथ बेंगलुरु चली गई और वहां पर रोशन नगर नामक स्थान पर रही। वहां उसने अपनी आजीविका के लिए जिस्मफरोशी का धंधा किया। उसके पश्चात अक्टूबर, 2019 में उसका संपर्क एक ग्राहक जिसका नाम सुरेश उर्फ शिवा है, से हुआ। शिवा से उसे प्यार हो गया, उसके पश्चात वह रोशन नगर से भाग गई और शिवा के साथ 8 महीने उसके घर पर रिलेशनशिप में रही।

उसके पश्चात 16 अगस्त की रात को वह इंडिगो की फ्लाइट से कोलकाता एयरपोर्ट पर पहुंची । यहां पर पहुंचने के पश्चात उसने कैब ड्राइवर जोकि मानव तस्करी की दलाली का कार्य करता है, उसको टेलीफोन किया और वह अपनी गाडी लेकर एयरपोर्ट पर आ गया। वहां से वह रात को बॉर्डर एरिया के इलाका बशीरहाट की तरफ कैब में आई। सभी होटल बन्द होने के कारण वह रात में कैब में ही गुजारी। फिर सुबह में ड्राइवर ने उसे उत्तर 24 परगना के हकीमपुर में आलमगीर तथा लालू नाम के शख्स के पास छोड दिया। फिर उन दोनों ने उसे तारीकुल नाम के व्यक्ति के पास विठारी गांव मे उसके हवाले कर दिया और कहा कि यह बॉर्डर पार करवा देगा। जिसके बदले में उपरोक्त महिला ने ड्राइवर कीर्ति (मानव तस्करी का दलाल) को 10,000 रुपये दी थी।

वहीं, महिला के साथ पकड़े गए दलाल तरिकुल गाज़ी ने बताया कि वह मानव तस्करी का कार्य कई वर्षों से कर रहा है तथा दलाल के रूप में बंगलादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में घुसपैठ करने के धंधे में लिप्त है। मानव तस्करी धन्धे के नेटवर्क के उसके साथियों आलमगीर गाज़ी, गांव -हाकीमपुर उत्तरपाड़ा ने उसे इस बंगलादेशी युवती को बॉर्डर पार कराने के लिए उसके हवाले किया, जिसके लिए 1000 रुपये देने की बात तय हुई। इधर, बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए पकड़े गए दलाल और बांग्लादेशी महिला को स्वरूपनगर खाने को सौंप दिया है। 


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