बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ ने तस्करी को नाकाम कर 43 किलोग्राम गांजा जब्त किया
चालू वर्ष 2020 के दौरान दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के बीएसएफ जवानों ने 1890 किलोग्राम गांजा जब्त किया है जब उसकी बांग्लादेश में तस्करी की जा रही थी। गांजा की सीमा चौकी आरसी पुर और बांसघाटा 107वीं वाहिनी के इलाके से बांग्लादेश में तस्करी की कोशिश की जा रही थी।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा इलाके में देर रात अभियान चलाकर तीन अलग-अलग घटनाओं में 42 किलोग्राम गांजा जब्त किया। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से बयान जारी कर बताया गया कि गांजा की सीमा चौकी आरसी पुर और बांसघाटा, 107वीं वाहिनी के इलाके से बांग्लादेश में तस्करी की कोशिश की जा रही थी।
पहली घटना में खुफिया शाखा से सीमा चौकी बांसघाटा के इलाके में गांजे की तस्करी की सूचना मिलने पर जवानों ने एक एंबुश लगाया। रात्रि लगभग 8 बजे एंबुश पार्टी को भारत- बांग्लादेश बॉर्डर रोड के नजदीक कुछ संदिग्ध तस्करों की गतिविधि दिखाई दी। जवानों ने उन्हें चेतावनी दी और उनका पीछा करके उन्हें पकड़ने का प्रयास किया, परंतु तस्कर अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले। इलाके की गहन तलाशी लेने पर जवानों ने 36 किलो गांजा बरामद किया।
एक अन्य घटना में दिनांक 9/10 अक्टूबर की मध्य रात्रि को सीमा चौकी आरसी पुर, 107वीं बटालियन के इलाके से गांजे की तस्करी की सूचना मिलने पर कंपनी कमांडर द्वारा ड्यूटी पर तैनात सभी जवानों को सतर्क किया गया। रात लगभग 1 बजे जवानों ने देखा कि तारबंदी के दोनों तरफ से बांग्लादेशी और भारतीय तस्कर तारबंदी को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहे थे।
जवानों ने उन्हें चेतावनी दी लेकिन उसका उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। फिर जवानों ने सरकारी संपत्ति के नुकसान को रोकने के लिए गैर घातक नॉन लीथल हथियार से 1 राउंड फायर किया। फायर की आवाज सुनकर तारबंदी के दोनों तरफ के तस्कर भाग निकले। तत्पश्चात इलाके की तलाशी लेने पर जवानों द्वारा 6 किलोग्राम गांजा बरामद किया गया। अन्य स्थानों से और 1 किलोग्राम गांजा जब्त किया। बीएसएफ ने तीनों स्थानों से जब्त गांजे की खेप को आगे की कार्यवाही के लिए बागदा पुलिस स्टेशन को सौंप दिया है।
गौरतलब है कि चालू वर्ष 2020 के दौरान दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के बीएसएफ जवानों ने 1890 किलोग्राम गांजा जब्त किया है, जब उसकी बांग्लादेश में तस्करी की जा रही थी।