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पड़ोसी देश से लौट रही खाली मालगाड़ी में छिपकर आ रहे एक और बांग्लादेशी किशोर को बीएसएफ ने पकड़ा

बीएसएफ के गश्ती दल ने एक बार फिर पड़ोसी देश से लौट रही एक खाली मालगाड़ी में छिपकर आ रहे एक और बांग्लादेशी किशोर को पकड़ा है।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 09:59 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 10:38 AM (IST)
पड़ोसी देश से लौट रही खाली मालगाड़ी में छिपकर आ रहे एक और बांग्लादेशी किशोर को बीएसएफ ने पकड़ा
पड़ोसी देश से लौट रही खाली मालगाड़ी में छिपकर आ रहे एक और बांग्लादेशी किशोर को बीएसएफ ने पकड़ा

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के गश्ती दल ने एक बार फिर पड़ोसी देश से लौट रही एक खाली मालगाड़ी में छिपकर आ रहे एक और बांग्लादेशी किशोर को पकड़ा है। बीएसएफ अधिकारियों ने मंगलवार देर शाम यह जानकारी दी।

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उन्होंने कहा कि यह मानव तस्करी का मामला लगता है। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के डीआइजी व वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि उत्तर 24 परगना जिले में पेट्रापोल एकीकृत जांच चौकी के निकट जीरो प्वाइंट पर जब बांग्लादेश से लौटी मालगाड़ी की सोमवार को बल की 179वीं बटालियन के जवान नियमित जांच कर रहे थे तो खाली बैगन में छिपकर यात्रा कर रहा 17 वर्षीय किशोर मिला।

यह लड़का बांग्लादेश के यशोर जिले के रामनगर खा गांव का रहने वाला है। बीएसएफ द्वारा की गई पूछताछ के मुताबिक उसी गांव के एक दलाल व मानव तस्करी के धंधे में लिप्त बिलाल हुसैन ने उसे बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव में स्थित किसी होटल में नौकरी के लिए भेजा था। उसे बेनापोल स्टेशन पर मालगाड़ी के खाली डिब्बे में बैठा दिया गया था और यहां एक दलाल (नाम नहीं जानते) द्वारा उस किशोर को रिसीव किया जाना था। बीएसएफ अधिकारी के मुताबिक, ऐसा लगता है कि भारत में काम (बाल श्रम) के उद्देश्य से उसकी तस्करी की गई है। उन्होंने बताया कि मेडिकल परीक्षण के बाद बच्चे को बनगांव जीआरपी को सौंप दिया गया है।

अधिकारी के अनुसार, मानव तस्करों द्वारा अपनाई जाने वाली यह कार्यपद्धति गंभीर चिंता का विषय है। हालांकि उन्होंने कहा कि बीएसएफ के जवान मानव तस्करों के नापाक मंसूबों को नाकाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि पिछले 10 दिनों में बीएसएफ ने मालगाड़ी से पांच बांग्लादेशी को मानव तस्करी के चंगुल से बचाया है।

वहीं, अरुण कुमार, कमांडेंट, 179वीं बटालियन जिनके बटालियन के अंतर्गत आईसीपी पेट्रापोल की सुरक्षा की जिम्मेदारी है, ने कहा कि उनके जवान पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और यह सुनिश्चित करने के लिए समर्पित हैं कि बांग्लादेश से आने या जाने वाली मालगाड़ियों के माध्यम से कोई भी अवैध क्रॉसिंग या मानव तस्करी की घटना नहीं हो। उन्होंने अपने जवानों के प्रयासों की सराहना की जिन्होंने मानव तस्करों के चंगुल से बांग्लादेशी किशोर को सफलतापूर्वक बचाया।

बता दें कि पिछले सप्ताह भी इसी बटालियन के जवानों ने 12 वर्षीय बांग्लादेशी किशोर को मालगाड़ी से पकड़ा था। उससे पहले पेट्रापोल स्टेशन से ही बीएसएफ जवानों ने भारत से बांग्लादेश जा रही एक मालगाड़ी की बोगी में लदे मिर्च की बोरियों के नीचे छिपकर जा रहे तीन बांग्लादेश युवकों को पकड़ा था। बीएसएफ डीआइजी गुलेरिया के मुताबिक हमने बांग्लादेश आने- जाने वाली मालगाड़ी की तलाशी की मुहिम जोरों से शुरू कर रखी है क्योंकि ट्रेन में बांग्लादेशी पकड़े जा रहे हैं।

उन्होंने साथ ही कहा कि यह गंभीर चिंता का विषय है कि इस तरह की मानव तस्करी की जांच करना ना केवल बीएसएफ की जिम्मेदारी है बल्कि रेलवे अधिकारियों को भी उचित उपाय करने की आवश्यकता है क्योंकि ये अवैध अप्रवासी आखिर कैसे रेलवे की संपत्ति में छिप कर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मानव तस्करों द्वारा प्रबंधित ऐसे अवैध क्रॉसिंग की पुनरावृति की जांच के लिए हम रेलवे अधिकारियों व जीआरपी के भी संपर्क में हैं। 


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