बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर एक बांग्लादेशी नागरिक को नकली भारतीय पासपोर्ट के साथ गिरफ्तार किया
बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गए व्यक्ति के मोबाइल की जांच के बाद कुछ संदिग्ध फ़ोटो लिंक और व्हाट्सएप दस्तावेज़ मिले जिससे पता चलता है कि वह जमात-ए-इस्लामी इस्लामी छत्रशबीर बांग्लादेश और हेफ़ाज़त-ए-इस्लाम बांग्लादेश का अनुयायी है। वह फेसबुक पर उपरोक्त समूह के वीडियो भी देखता है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के तहत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने एक बांग्लादेशी नागरिक को अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास से नकली भारतीय पासपोर्ट के साथ गिरफ्तार किया है, जो कि भारत से बांग्लादेश की तरफ सीमा चौकी घोजाडंगा, 153 वाहिनी, उत्तर 24 परगना जिले के क्षेत्र से अवैध रूप से सीमा पार कर रहा था। बीएसएफ द्वारा जारी बयान में बताया गया कि 31 मार्च को शाम में बीएसएफ की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की सूचना पर, सीमा चौकी घोजाडंगा, 153 वाहिनी, सेक्टर कोलकाता ने आईसीपी घोजाडांगा पर अपने जवानों को अलर्ट किया। कुछ समय बाद, भारत की तरफ से बांग्लादेश की ओर जाने वाले एक संदिग्ध व्यक्ति को जवानों ने पकड़ा जब वह आईसीपी घोजाडांगा पार करने की कोशिश कर रहा था।
तलाशी के दौरान पकड़े गए व्यक्ति के पास से भारतीय मुद्रा, सऊदी अरब की मुद्रा, एक आई फोन और भारतीय नकली पासपोर्ट बरामद किया गया। पकड़े गए व्यक्ति की पहचान अब्दुल अलीम बसर (33), पिता - अब्दुल बसर, ग्राम: हजरकती, थाना - मणिपुरपुर, जिला -जेसोर, बंगलादेश के रूप में की गई।प्रारंभिक पूछताछ में पकड़े गए व्यक्ति ने खुलासा किया कि वह बांग्लादेश का नागरिक है और वह 2014 में बांग्लादेश से भारत काम के सिलसिले में आया था और भारत आने के बाद, मछलंदपुर में एक ईंट के भट्टे पर काम किया।
हिंदू नाम से 2015 में बनवाया था नकली भारतीय पासपोर्ट
उसके बाद 2015 में सोहेग नाम के बांग्लादेशी नागरिक की मदद से 20,000 रुपये देकर हिंदू नाम से एक नकली भारतीय पासपोर्ट - M7231683, (राजू दास, पिता -गणेश दास, गांव-कोरा, नबरुन पाली, जिला- उत्तर 24 परगना, पिन -700130) बनवाने में कामयाब हो गया। वर्ष 2015 में जमाल ( गांव रामचंदरपुर बाजार, मछलंदपुर, थाना- हाबरा, जिला- उत्तर 24 परगना) की मदद से वह पुणे से सऊदी अरब गया था और वहा फला कोफेल नाम के व्यक्ति के घर में नौकर के रूप में काम कर रहा था।
उक्त पासपोर्ट के माध्यम से सऊदी अरब से दिल्ली आया
उसने यह भी खुलासा किया कि वह 27 मार्च 2021 को उपरोक्त पासपोर्ट के माध्यम से सऊदी अरब से दिल्ली आया था। उसके बाद, वह ट्रेन से कोलकाता पहुंचा और आगे जमाल के घर रुका। उन्होंने यह भी कहा कि आज वह जमाल के घर से आ रहा था और एक अपरिचित भारतीय दलाल की मदद से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने वाला था और आगे उसने एक बांग्लादेश दलाल से संपर्क कर रखा था, जिसका नाम मोहसिन (ग्राम-हज़राकाठी, थाना- मनिरामपुर, जिला: -जेसौर,) जो उसे आईसीपी घोजाडंगा पार करने के बाद उसे उसके मूल स्थान (बांग्लादेश) तक पहुंचने के लिए मदद करने वाला था।लेकिन वह सीमा सुरक्षा बल द्वारा आईसीपी घोजाडंगा को पार करने की कोशिश करते समय पकड़ा गया।
मोबाइल की जांच में कुछ संदिग्ध फ़ोटो, लिंक और व्हाट्सएप दस्तावेज़ मिले
बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि पकड़े गए व्यक्ति के मोबाइल की जांच के बाद, कुछ संदिग्ध फ़ोटो, लिंक और व्हाट्सएप दस्तावेज़ मिले, जिससे पता चलता है कि वह जमात-ए-इस्लामी, इस्लामी छत्रशबीर बांग्लादेश और हेफ़ाज़त-ए-इस्लाम बांग्लादेश का अनुयायी है। वह फेसबुक पर उपरोक्त समूह के वीडियो भी देखता है। अब्दुल अलीम बसर के नाम से उसका फेसबुक अकाउंट भी है। बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्यवाही के लिए पकड़े गए बांग्लादेशी नागरिक को पुलिस स्टेशन बशीरहाट को सौंप दिया है।
बीएसएफ कमांडेंट ने जवानों की प्रशंसा की
इधर, 153 वाहिनी, बीएसएफ के कमांडिंग ऑफिसर जवाहर सिंह नेगी ने अपने जवानों की उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की है, जिसके परिणामस्वरूप नकली भारतीय पासपोर्ट के साथ एक बांग्लादेशी नागरिक पकड़ा गया है। उन्होंने कहा कि यह केवल ड्यूटी पर उनके सैनिकों द्वारा प्रदर्शित सतर्कता के कारण ही संभव हो सकता है।