West Bengal: सड़क हादसे में घायल भाई- बहन को समय रहते अस्पताल पहुंचाकर बीएसएफ ने फिर पेश की मिसाल
सजग प्रहरियों ने मोटरसाइकिल दुर्घटना में घायल दो भाई-बहन के साथ एक लड़के को अस्पताल पहुंचा कर एक बार फिर मानवीय मूल्यों का परिचय दिया है। बीएसएफ द्वारा समय रहते अस्पताल पहुंचाने के कारण घायलों को समय पर इलाज मिल पाया जिस कारण जीवन की कोई हानि नहीं हुई।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अंतर्गत सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की सीमा चौकी सुतिया में तैनात 107वीं वाहिनी के सजग प्रहरियों ने सीमावर्ती इलाके में मोटरसाइकिल दुर्घटना में घायल दो भाई-बहन के साथ एक लड़के को अस्पताल पहुंचा कर एक बार फिर मानवीय मूल्यों का परिचय दिया है। बीएसएफ द्वारा समय रहते अस्पताल पहुंचाने के कारण घायलों को समय पर उचित इलाज मिल पाया, जिसके कारण जीवन की कोई हानि नहीं हुई।
बीएसएफ की ओर से एक बयान में बताया गया कि यह घटना तीन मई की है जब सीमा चौकी सुतिया इलाके में बॉर्डर रोड से मोटरसाइकिल पर एक लड़की व दो लड़के सुतिया से बनगांव की ओर जा रहे थे। अचानक मोटरसाइकिल का संतुलन बिगड़ने से वो गिर गए और तीनो बुरी तरह घायल हो गए। तीनों तेज दर्द से कराह रहे थे, तभी सीमा पर तैनात जवानों ने उन्हे संभाला और तुरंत सीमा चौकी सुतिया से नर्सिंग सहायक गाड़ी के साथ पहुंचे तथा प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें बनगांव सरकारी अस्पताल में भर्ती करवाया। इसकी सूचना घायलों के परिजनों को भी दे दी गई। अस्पताल में ड्युटी पर तैनात डॉक्टर ने उन्हे जरूरी इलाज दिया। दुर्घटना में घायल लड़की का नाम तरी तांथी (15) और उसका भाई मंगल तांथी (21) तथा एक और लड़का सौरभ बिस्वास (21) है। तीनों ही गांव बनगांव के रहने वाले हैं। इस बीच सूचना के बाद घायलों के परिजन भी अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने सीमा सुरक्षा बल के इस सहयोग पूर्ण मानवीय कार्यों के लिए आभार प्रकट किया।
इधर, 107वीं वाहिनी, बीएसएफ के कार्यवाहक कमाडिंग ऑफिसर आलोक कुमार ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल सीमा पर हमेशा सजग रहकर कार्य करती हैं और सीमा पर होने वाले विभिन्न प्रकार के अपराधों को रोकने के साथ ही सीमा पर रहने वाले लोगों की सहयता के लिए भी हमेशा तत्पर रहती हैं। सीमा वासियों की हर छोटी बड़ी समस्याओ में उनका सहयोग करते हैं जिसके चलते सीमा सुरक्षा बल और सीमा वासियों के बीच आपसी संबंध और गहरे होते जा रहे हैं।