बीएसएफ में भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं, गड़बड़ी करने वाले कर्मियों के खिलाफ की गई है कड़ी कार्रवाई : बीएसएफ एडीजी
बीएसएफ एडीजी ने इस दौरान 2021 में पूर्वी कमान की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर उपलब्धियों का पूरा लेखा-जोखा भी पेश किया। खुरानिया ने कहा कि हर प्रकार से 2021 बहुत ही सफलता का वर्ष रहा और बेहतर सीमा प्रबंधन की मिसाल पेश की गई।
राज्य ब्यूरो कोलकाता । सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की बात पर जोर देते हुए कहा है कि उसके कुछ कर्मियों के खिलाफ गो तस्करी सहित सीमा पार से होने वाली अवैध गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए कड़ी कार्रवाई की गई है। बीएसएफ कै पूर्वी कमांड के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) आइपीएस वाईबी खुरानिया ने गुरुवार को कोलकाता में बल के पूर्वी कमांड मुख्यालय में आयोजित वार्षिक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बल के पास एक आंतरिक तंत्र है।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं करने की वजह से ही हमने पिछले कुछ वर्षों में बेहतर हालात देखे हैं। सीमा पार से होने वाले अपराधों में कमी आई है।गो तस्करी भी सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हम पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि (उपद्रवियों के साथ) मिलीभगत को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एडीजी खुरानिया बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर चल रहे एक मवेशी तस्करी रैकेट के साथ कथित संबंध के लिए सीबीआइ द्वारा बीएसएफ कमांडेंट सतीश कुमार की नवंबर, 2020 में हुई गिरफ्तारी पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ अधिनियम के तहत, कार्रवाई करने के प्रावधान हैं और कई मामलों में ऐसा ही किया गया है। कई कोर्ट-मार्शल कार्यवाही चल रही है कुछ मामलों में प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और कुछ अन्य में, जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि बीएसएफ, सीबीआइ व अन्य संबंधित एजेंसियों को भी जांच में पूरा सहयोग किया है और कर रही है।सीबीआइ के साथ सभी फाइलों का आदान-प्रदान किया गया है। आगे भी जांच एजेंसी की ओर से जो भी जानकारी मांगी जाएगी उसे मुहैया कराया जाएगा।
उन्होंने यह भी दावा किया कि कई मामलों में बीएसएफ की जानकारी के आधार पर ही सीबीआइ ने मामला दर्ज किया है। एडीजी खुरानिया ने इस दौरान स्पष्ट कहा कि बीएसएफ भ्रष्टाचार को लेकर जीरो टालरेंस की नीति पर चल रही है। हमारा संदेश स्पष्ट है कि सीमा अपराधियों से संबंध रखने, मिलीभगत या किसी प्रकार की गड़बड़ी पाए जाने पर किसी को भी बख्शा नहीं जा रहा है।इस तरह के मामलों में हम थोड़ी भी रियायत नहीं बरत रहे हैं और इस तरह के आरोप सामने आने के बाद मामले की जांच कर हम दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं।
2021 में पूर्वी कमान की उपलब्धियों का लेखा-जोखा किया पेश
बीएसएफ एडीजी ने इस दौरान 2021 में पूर्वी कमान की सीमाओं की सुरक्षा को लेकर उपलब्धियों का पूरा लेखा-जोखा भी पेश किया। खुरानिया ने कहा कि हर प्रकार से 2021 बहुत ही सफलता का वर्ष रहा और बेहतर सीमा प्रबंधन की मिसाल पेश की गई। सीमा पर कड़ी निगरानी की वजह से हर प्रकार की तस्करी व घुसपैठ की घटनाओं में कमी आई है।बड़ी संख्या में तस्करों व घुसपैठियों की गिरफ्तारी भी की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वी कमान क्षेत्र में भारत- बांग्लादेश सीमा पर कई जगहों पर बीएसएफ ने स्मार्ट निगरानी प्रणाली भी स्थापित की है। इसके तहत अत्याधुनिक कैमरे व अन्य उपकरण लगाए गए हैं, जिससे नजरदारी रखी जा रही है। बताते चलें कि बीएसएफ के पूर्वी कमांड पर ही पश्चिम बंगाल से लेकर पूर्वोत्तर राज्यों में मिजोरम तक भारत की बांग्लादेश से लगने वाली करीब 4,096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा का दायित्व है।
गो तस्करी मामले में नवंबर 2020 में हुई थी कमांडेंट सतीश कुमार की गिरफ्तारी
बताते चलें कि कमांडेंट सतीश कुमार साल 2015 से 17 तक बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर अंतर्गत बंगाल के मालदा व मुर्शिदाबाद जिले में ही तैनात थे। उसी दौरान उन पर गो तस्करी का कथित सरगना इनामुल हक के साथ कथित रूप से संबंध रखने व बांग्लादेश में मवेशियों की तस्करी में उनकी मदद करने का आरोप है। सीबीआइ ने 17 नवंबर 2020 को कुमार को पूछताछ के बाद कोलकाता से ही गिरफ्तार किया था। हालांकि उस समय उनकी रायपुर में तैनाती थी।अभी वे जमानत पर हैं।