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West Bengal Municipal Elections 2020: प्रचार के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलने पर कोर्ट जाएगी भाजपा

West Bengal Municipal Elections 2020 दिलीप घोष ने कहा कि अगर चुनाव आयोग निकाय चुनाव में नियमों का पालन नहीं करेगा तो मजबूर होकर भाजपा को कोर्ट की ओर रुख करना पड़ेगा।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 06:32 PM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 06:32 PM (IST)
West Bengal Municipal Elections 2020: प्रचार के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलने पर कोर्ट जाएगी भाजपा
West Bengal Municipal Elections 2020: प्रचार के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलने पर कोर्ट जाएगी भाजपा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal Municipal Elections 2020: बंगाल में निकाय चुनाव से पहले घमासान शुरू हो गया है। भाजपा ने कहा है कि यदि चुनाव प्रचार के लिए पर्याप्त समय नहीं मिलता है तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। बंगाल में अप्रैल के मध्य में निकाय चुनाव होना है। इसी बीच, माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक की परीक्षा हो रही है। भाजपा की दलील है कि इस दौरान लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध होने के कारण चुनाव प्रचार के लिए उसे महज 10 से 15 दिन मिल रहे हैं।

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चुनाव आयोग से उम्मीद

शुक्रवार को कोलकाता में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि अगर चुनाव आयोग निकाय चुनाव में नियमों का पालन नहीं करेगा तो मजबूर होकर भाजपा को कोर्ट की ओर रुख करना पड़ेगा। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि चुनाव आयोग ऐसा कुछ कदम नहीं उठाएगा जिसके चलते भाजपा को कोर्ट जाना पड़े। गुरुवार को भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात कर निकाय चुनाव की तिथि बढ़ाने की मांग की थी। राज्य सरकार ने अप्रैल के मध्य में निकाय चुनाव कराने के संकेत दिये हैं। फिलहाल राज्य में माध्यमिक परीक्षा चल रही है। परीक्षा 27 फरवरी को समाप्त होगी। बोर्ड परीक्षाओं के कारण लाउडस्पीकर के उपयोग पर प्रतिबंध है।

मिलेंगे मात्र 10-12 दिन

2021 विधानसभा चुनाव से पहले निकाय चुनाव मिनी विधानसभा चुनाव माना जा रहा है। दिलीप घोष ने कहा कि भाजपा निकाय चुनावों का सामना करने के लिए तैयार है, लेकिन चुनाव प्रचार का समय कहां है? हमें चुनाव के लिए मात्र 10-12 दिन मिलेंगे। यह राज्य सरकार की एक चाल है, ताकि भाजपा को चुनाव प्रचार के लिए पर्याप्त समय नहीं मिले। उन्होंने कहा कि राज्य चुनाव आयोग से मांग की गई है कि चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव आयोग नियमों का सख्ती से पालन करे। उन्होंने कहा कि सरकार इवीएम की जगह मतदान मतदाता पत्र से कराना चाहती है, लेकिन कई राज्यों में इवीएम से चुनाव हुए हैं, लेकिन कहीं भी गड़बड़ी की सूचना नहीं है।

भाजपा कर रही बहाना

दूसरी ओर राज्य के बिजली मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि पूरे राज्य को पता है कि केएमसी और नगर निगम के चुनाव अप्रैल में होते हैं। भाजपा अभी तक क्या कर रही थी। क्या वह सो रही थी। वास्तव में चुनाव में उनकी पराजय सुनिश्चित है। इस कारण वह बहाना कर रही है।

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