Gangasagar fair 2022: हिंदू धर्म से जुड़े उत्सवों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाली भाजपा गंगासागर मेले से दूरी बनाकर चल रही
कोरोना के प्रकोप के कारण इस साल गंगासागर मेले के आयोजन के पक्ष में नहीं थी भगवा पार्टी गंगासागर मेले में भाजपा की रत्ती भर भी उपस्थिति नजर नहीं आ रही भाजपा की तरह माकपा ने भी गंगासागर मेले से किनारा कर लिया है।
गंगासागर, विशाल श्रेष्ठ। हिंदू धर्म से जुड़े उत्सवों व मेलों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाली भाजपा गंगासागर मेले से दूरी बनाकर चल रही है। भगवा पार्टी ने एक तरह से इसका 'धार्मिक बहिष्कार' कर दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा के बंगाल नेतृत्व ने अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं को इस बार गंगासागर मेले से जुड़े आयोजनों में शामिल नहीं होने का निर्देश दिया है। भाजपा गंगासागर मेले को लेकर अपना रुख पहले ही साफ कर चुकी है।
पार्टी ने स्पष्ट रूप से कह दिया था कि वह कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच गंगासागर मेले के आयोजन के पक्ष में नहीं है। यही वजह है कि पार्टी कुंभ के बाद देश में दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक मेला होने के बावजूद इस साल इससे दूरी बनाकर चल रही है। गंगासागर मेले में भाजपा की रत्ती भर भी उपस्थिति नजर नहीं आ रही। राज्य स्तर तो दूर, भाजपा के स्थानीय स्तर का कोई नेता या कार्यकर्ता भी यहां नजर नहीं आ रहा। पिछले साल गंगासागर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े-बड़े बैनर-होर्डिंग्स लगाए गए थे। कुछ जगहों पर पार्टी की तरफ से कैंप भी खोले गए थे। इस बार कुछ भी नहीं है।
बंगाल भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों की जिंदगी को खतरे में डालकर गंगासागर मेले का आयोजन किया है। वह कोरोना का संक्रमण फैलने देकर सिर्फ अपना राजनीतिक स्वार्थ पूरा करने की कोशिश कर रही हैं। भट्टाचार्य से जब यह पूछा गया कि क्या कुंभ मेले की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कभी गंगासागर मेले में भी शिरकत करेंगे, तो उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के लिए हरेक धार्मिक मेले में जाना संभव नहीं है। स्थानीय एक भाजपा नेता ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि पार्टी नेतृत्व की ओर से उन्हें इस बार कुछ भी करने से मना किया गया है इसलिए कोई आयोजन नहीं किया जा रहा है।
दूसरी तरफ तृणमूल के एक स्थानीय नेता ने कहा कि पिछले साल बंगाल में विधानसभा चुनाव थे इसलिए भाजपा की तरफ से यहां प्रधानमंत्री के बैनर- होर्डिंग्स लगाकर इतना प्रचार किया गया था। इस साल चुनाव नहीं है इसलिए वह खामोश बैठी हुई है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की अगुआई में लगने वाले कुंभ मेले में वह सक्रिय हो जाती है और बंगाल में ममता सरकार के नेतृत्व में होने वाले गंगासागर मेले में निष्क्रिय।
माकपा ने भी गंगासागर मेले से किया किनारा
भाजपा की तरह माकपा ने भी गंगासागर मेले से किनारा कर लिया है। कपिल मुनि मंदिर के पास माकपा की तरफ से हर साल मार्क्सवादी साहित्य की पुस्तकों का पुस्तकों का एक स्टाल लगाया जाता है लेकिन इस बार वह नहीं दिख रहा। माकपा के पूर्व सांसद मोहम्मद सलीम ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस व भाजपा में परस्पर विरोध बोलकर कुछ नहीं है। यह सब महज दिखावा है। दरअसल जो चीज भाजपा खुद नहीं कर पाती, वह तृणमूल के माध्यम से करवा लेती है।