भाजपा बाहरी लोगों की पार्टी, राज्य में कोई जगह नहीं, किसी भी सूरत में ‘गुजरात’ नहीं बनने देंगे बंगाल : ममता
हमला-सीएम ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर जमकर बोला व्यक्तिगत हमला। नेताजी की 125 वीं वर्षगांठ पर वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रम की घोषणा। उन्होंने कहा कि भाजपा केवल एक आदमी एक राजनीति एक नेता चाहती है और कुछ नहीं। किसान आंदोलन को लेकर भी ममता बनर्जी ने की बात।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में विधानसभा चुनाव ज्यों-ज्यों नजदीक आ रहा है सियासी तपिश तेजी से बढ़ती जा रही है। गुरुवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन कर भाजपा और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। ममता ने भाजपा पर बड़ा हमला बोलते हुए उन्हें बाहरी लोगों की पार्टी करार दे दिया। तृणमूल प्रमुख ने भाजपा पर तंज कसते हुए यह भी कहा कि बंगाल में बाहरियों के लिए कोई जगह नहीं, जो सिर्फ चुनाव के दौरान आते हैं। उन्होंने कहा कि बाहरी यानी दूसरे प्रदेशों के भाजपा नेताओं को राज्य में संगठनात्मक जिम्मेदारियां दी जा रही हैं। ऐसे लोगों के लिए प्रदेश में कोई जगह नहीं है। ममता ने तीखा हमला बोलते हुए यहां तक कह दिया कि वह किसी भी सूरत में बंगाल को ‘गुजरात’ बनाने की इजाजत नहीं देंगी। क्योंकि ऐसे लोग सूबे की शांति और सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश करते हैं।
ममता का शाह पर हमला, ऐसा गृहमंत्री भी कभी नहीं देखा
ममता ने एक ओर जहां सुभाष चंद्र बोस का पुराना मुद्दा फिर से उठाया वहीं कोरोना वैक्सीन को लेकर भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। इसके साथ ही उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर व्यक्तिगत टिप्पणियां भी कीं। शाह पर टिप्पणी करते हुए ममता ने कहा कि मैंने पहले कभी ऐसा गृह मंत्री नहीं देखा। एक गृह मंत्री को देश चलाना चाहिए। इसके बजाय वो निकाय चुनावों को मैनेज करने में बिजी रहते हैं।
कोई नहीं जानता वैक्सीन कब आएगी, छह माह से भाषण
लोगों के घरों पर भोजन करने जाते हैं और फोटो खिंचवाते हैं। अपना हमला जारी रखते हुए ममता ने कहा कि देश की हालत देखो और देश की सीमाओं को देखो, देखो अर्थव्यवस्था कहां जा चुकी है। पीएम मोदी के साथ हुई बैठक के एक दिन बाद कोरोना वैक्सीन पर बात करते हुए ममता ने कहा कि वैक्सीन के बारे में वे इतनी बड़ी चर्चा में शामिल हुए, लेकिन कोई नहीं जानता वैक्सीन कब आएगी! फिर भी छह माह से भाषण देने में व्यस्त हैं।
कानून किसानों के लिए नहीं बल्कि कालाबाजारियों के लिए
किसान आंदोलन पर ममता ने कहा कि केंद्र सरकार सभी लोगों के सभी मौलिक अधिकारों पर कब्जा करना चाहती है। वे किसानों के लोकतांत्रिक अधिकारों पर अंकुश नहीं लगा सकते हैं! कृषि कानून अवैध है। अगर कोई कानून किसानों के लिए नहीं है, बल्कि कालाबाजारियों के लिए है, तो यह गैरकानूनी है। केंद्र सरकार किसानों के अधिकार क्यों छीनना चाहती है?
भाजपा केवल एक आदमी, एक राजनीति, एक नेता चाहिए
किसानों के साथ-उन्होंने कहा कि भाजपा केवल एक आदमी, एक राजनीति, एक नेता चाहती है और कुछ नहीं। देश हम सभी के लिए है। वे स्वतंत्रता संग्राम में कहां भटक रहे थे। उस समय उन्होंने देश के साथ विश्वासघात किया। मैं पूरी तरह से किसानों के साथ हूं। अगर वे मुझे बुलाते हैं तो मैं उनके पक्ष में उतरने को तैयार हूं।
चुनाव से पहले ममता को फिर याद आए सुभाष चंद्र बोस
चुनाव से ठीक पहले ममता ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस का मुद्दा एक बार फिर उठाया। बंगाल सरकार ने नेताजी की 125 वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में वर्ष भर चलने वाले कार्यक्रम की घोषणा की। बंगाल सरकार ने साल भर के समारोहों की योजना बनाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। ममता ने नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन और अभिजीत बनर्जी को समिति का हिस्सा बनाया है। बंगाल के बुद्धिजीवी कमेटी का हिस्सा होंगे।
राष्ट्र के प्रति उनका प्रेम आगे बढ़ाने का प्रयास होना चाहिए
ममता ने इस मौके पर कहा कि लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि मैं ही थी जिसने पीएम राजीव गांधी से कोलकाता हवाई अड्डे का नाम नेताजी के नाम पर रखने का अनुरोध किया था। हमें उनकी विरासत, राष्ट्र के प्रति उनके प्रेम को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए। हम नेताजी के जय हिंद नारे का उपयोग करके पूरे देश को जोड़ सकते हैं। ममता ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, नेता जी को अब भी नजरअंदाज किया जाता है।
आजकल, इतिहास को भी बदलने का प्रयास किया जा रहा
उनकी फैमली और राष्ट्र को उनके मामले में एक क्लोजर मिलना अभी भी बाकी है। केंद्र सरकार ने कहा था कि वे नेताजी मामले में क्लोजर रिपोर्ट लाएंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। इसके साथ ही ममता ने कहा कि आजकल, इतिहास को भी बदलने का प्रयास किया जा रहा है! जिन लोगों ने देश की आजादी का विरोध किया था, उन्हें इतिहास को मिटाने की कोशिश में लाया जा रहा है।