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Bengal Assembly Elections 2021: तृणमूल ने महिलाओं के खिलाफ अपराध पर सही आंकड़े नहीं दिए : भाजपा सांसद

Bengal Assembly Elections 2021 तृणमूल कांग्रेस के बंगाल को उसकी अपनी बेटी चाहिए अभियान को लेकर भाजपा ने साधा निशाना किया दावा- दुष्कर्म छेडख़ानी और तेजाब हमले की घटनाओं में राज्य में पिछले 10 वर्षों में थोड़ी भी कमी नहीं आई

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 09 Mar 2021 09:28 AM (IST)Updated: Tue, 09 Mar 2021 10:06 AM (IST)
Bengal Assembly Elections 2021: तृणमूल ने महिलाओं के खिलाफ अपराध पर सही आंकड़े नहीं दिए : भाजपा सांसद
बंगाल से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी मुख्यमंत्री पर लगाया आरोप

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल से भाजपा सांसद लॉकेट चटर्जी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के 'बंगाल को उसकी अपनी बेटी चाहिए अभियान को लेकर सोमवार को निशाना साधा और कहा कि अपराध के आंकड़ों में हेरफेर करने वाली सत्तारूढ़ पार्टी को अचानक बेटी के विषय का ध्यान आया है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर चटर्जी ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यदि रिकॉर्ड देखा जाए तो दुष्कर्म, छेडख़ानी और तेजाब हमले की घटनाओं में राज्य में पिछले 10 वर्षों में थोड़ी भी कमी नहीं आई है।

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उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने राज्य में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर एनसीआरबी को अपेक्षित आंकड़े उपलब्ध नहीं कराए। यही कारण है कि केंद्रीय एजेंसी बंगाल पर एक व्यापक रिपोर्ट प्रकाशित नहीं कर सकी। भाजपा सांसद ने दावा किया, उत्तर बंगाल में तस्करी के मामलों से लेकर राज्य में कई हत्याओं तक, कुछ ही घटनाओं के बारे में जानकारी दी गई। भाजपा शासित राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश में महिलाओं की दुर्दशा के तृणमूल कांग्रेस द्वारा बार-बार लगाए जाने वाले आरोप के बारे में पूछे जाने पर चटर्जी ने कहा, माननीय मुख्यमंत्री को पहले यह बताना चाहिए कि कामदुनी में लड़की से गैंगरेप और हत्या के पीछे जो लोग थे, उन्हेंं अभी तक सजा क्यों नहीं दी गई?

साल 2013 में कोलकाता से लगभग 20 किलोमीटर दूर उत्तर 24 परगना जिले के कामदुनी गांव में 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा का अपहरण करने के बाद उससे सामूहिक दुष्कर्म किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई थी। पेट्रोल के प्रत्येक लीटर पर लगाए जाने वाले 37 रुपये के उपकर को माफ करे राज्य सरकार वहीं, ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी पर ममता के विरोध प्रदर्शन पर चटर्जी ने कहा, अगर वह इतना चिंतित हैं, तो उन्हेंं अपनी सरकार द्वारा पेट्रोल के प्रत्येक लीटर पर लगाए जाने वाले 37 रुपये के उपकर को माफ कर देना चाहिए। प्रतीकात्मक रूप से सिर्फ एक रुपया क्यों कम किया गया? केंद्र लोगों के कष्टों से अवगत है और उनकी बेहतर सेवा करने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहा है।

टीकाकरण अभियान का राजनीतिकरण करना दुखद

वहीं, कोविड-19 टीकाकरण प्रमाणपत्र में पीएम मोदी की तस्वीर को शामिल किए जाने को लेकर तृणमूल कांग्रेस द्वारा प्रधानमंत्री की आलोचना किए जाने पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा, यह दुखद है कि दीदी (ममता बनर्जी) ने टीकाकरण अभियान का राजनीतिकरण करने से परहेज नहीं किया। वह हमेशा लोगों के हितों पर राजनीति को प्राथमिकता देती हैं। 


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