बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के खिलाफ बंगाल विधानसभा में प्रस्ताव पारित, भाजपा ने किया विरोध
विरोध-पंजाब के बाद इस फैसले के खिलाफ प्रस्ताव पेश करने वाला दूसरा राज्य बना बंगाल। मुख्य विपक्षी भाजपा ने प्रस्ताव का किया विरोध बताया राष्ट्रीय हितों के खिलाफ। 63 के मुकाबले 112 मतों से पारित किया प्रस्ताव। हंगामा मचने पर टिप्पणी सदन के रिकार्ड से हटाने की मांग की गई।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : केंद्र और बंगाल की ममता बनर्जी सरकार के बीच कई मुद्दों पर तनातनी जारी है। अब बंगाल सरकार ने केंद्र द्वारा हाल में अंतरराष्ट्रीय सीमा के अंदर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को 15 से बढ़ाकर 50 किलोमीटर करने के फैसले के खिलाफ मंगलवार को राज्य विधानसभा से एक प्रस्ताव पारित कराया। हालांकि राज्य में मुख्य विपक्षी भाजपा ने सदन में इस प्रस्ताव का जबर्दस्त विरोध किया और इसे राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बताया। इसी के साथ पंजाब के बाद विधानसभा में इस तरह का प्रस्ताव पेश करने और उसे पारित करने वाला बंगाल दूसरा राज्य हो गया है।
63 के मुकाबले 112 मतों से पारित किया प्रस्ताव
राज्य के संसदीय कार्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के महासचिव पार्थ चटर्जी ने सदन की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली की नियम संख्या 169 के तहत यह प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि हम मांग करते हैं कि यह फैसला केंद्र तत्काल वापस लें, क्योंकि बीएसएफ का का अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाने से देश के संघीय ढांचे पर प्रहार होगा। डेढ़ घंटे की चर्चा के बाद प्रस्ताव को 63 के मुकाबले 112 मतों से पारित किया गया।
महिलाओं को गलत तरीके से छूते बीएसएफ जवान
इधर, इस प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान दिनहाटा से तृणमूल विधायक उदयन गुहा की एक टिप्पणी पर सदम में हंगामा मच गया। गुहा ने कहा कि जब महिलाएं सीमा पार करती हैं तो बीएसएफ के जवान तलाशी के नाम पर उन्हें गलत तरीके से छूते हैं।
टिप्पणी सदन के रिकार्ड से हटाने की मांग की
उन्होंने कहा कि वो (बीएसएफ) कितना भी भारत माता की जय बोल लें, वह देशभक्त नहीं हो सकते। उन्होंने यह भी कहा कि सीमावर्ती इलाके में रहने वाला एक बच्चा भी कभी देशभक्त नहीं हो सकता, क्योंकि वह देखता है कि बीएसएफ द्वारा तलाशी लेने की आड़ में उसकी मां के शरीर को अनुचित तरीके से स्पर्श किया जाता है। भाजपा विधायकों ने इस टिप्पणी का कड़ा विरोध किया और इसे सदन के रिकार्ड से हटाए जाने की मांग की।
गुहा की टिप्पणी हटाने से किया गया इन्कार
हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने गुहा की टिप्पणी को हटाने से इन्कार कर दिया। वहीं, भाजपा विधायकों ने इस टिप्प्णी के खिलाफ काफी देर तक हंगामा किया। इसके बाद गुहा ने सदन के भीतर भाजपा विधायकों को धमकी देते हुए कहा कि अगर हमारे इलाके में कोई आएगा तो उसके हाथ-पैर तोड़ दिए जाएंगे। इसको लेकर बवाल और बढ़ गया। विधानसभा अध्यक्ष ने भी तृणमूल विधायक के इस बयान की भत्र्सना की और इसे अमर्यादित बताया।
भाजपा ने किया विरोध, जमकर की नारेबाजी
हालांकि भाजपा विधायकों ने इस टिप्प्णी पर कड़ा एतराज जताते हुए नारेबाजी की और कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए सदन से बाहर निकल गए। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि बीएसएफ जैसे बल के खिलाफ इस्तेमाल की गई भाषा पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इसके साथ ही उन्होंने इस प्रस्ताव को राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बताया।
पीएम को पत्र भी लिख चुकी हैं ममता बनर्जी
गौरतलब है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने हाल में बीएसएफ अधिनियम में संशोधन कर बल को पंजाब, बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से 50 किलोमीटर तक के दायरे में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार प्रदान किया है, जो पहले यह दायरा 15 किलोमीटर के क्षेत्र तक ही था। इससे पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाने के फैसले की निंदा कर चुकी हैं और उन्होंने इसे देश के संघीय ढांचे में हस्तक्षेप की कोशिश करार दिया था। ममता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर इस फैसले को वापस लेने की भी मांग कर चुकी हैं।