सुवेंदु अधिकारी ने ममता के नामांकन पर जताई आपत्ति, कहा- मुख्यमंत्री ने 6 मामलों को एफिडेविट में छुपाया
भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री व नंदीग्राम सीट से चुनावी प्रतिद्वंद्वी ममता बनर्जी पर अपने हलफनामे में छह आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से उनकी उम्मीदवारी रद करने की मांग की है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने मुख्यमंत्री व नंदीग्राम सीट से चुनावी प्रतिद्वंद्वी ममता बनर्जी पर अपने हलफनामे में छह आपराधिक मामलों का खुलासा नहीं करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से उनकी उम्मीदवारी रद करने की मांग की है। सुवेंदु ने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने हलफनामे में असम में उनके खिलाफ दर्ज पांच मामलों और बंगाल में सीबीआइ द्वारा दर्ज एक मामले के बारे में सूचना छिपाई है। राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सुवेंदु ने उन केस नंबरों का भी उल्लेख किया है, हालांकि ममता ने क्या-क्या अपराध किए हैं, इसके बारे में विस्तार से नहीं बताया है।
कभी ममता के विश्वासपात्र रहे सुवेंदु ने कहा-'मैंने चुनाव आयोग से (उनका नामांकन पत्र खारिज करने की) अपील की है। मुझे उम्मीद है कि आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। मैं इंतजार करूंगा और देखूंगा कि वे क्या कार्रवाई करते हैं। कार्रवाई कानून के अनुसार होनी चाहिए।
चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मार्च, 2018 में एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा था कि चुनाव अधिकारी संपत्ति या आपराधिक पृष्ठभूमि से संबंधित सूचना का खुलासा नहीं करने पर उम्मीदवार का नामांकन खारिज कर सकते हैं।
अपने उम्मीदवार के बारे में जानना मतदाताओं का मौलिक अधिकार है और नामांकन पत्र में इस कॉलम को रिक्त छोडऩा उनके इस अधिकार का हनन है। इस बीच सीबीआइ सूत्रों से पता चला है कि बंगाल में सीबीआइ से जुड़ा जो मामला है, वह 2008 में आसनसोल का है। उसमें जिस ममता बनर्जी का जिक्र है, वह दरअसल मुख्यमंत्री नहीं बल्कि अन्य महिला हैं। वह एक केंद्रीय कर्मचारी की पत्नी बताई जा रही हैं। तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने सुवेंदु की शिकायत पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि भाजपा अब नामांकन को लेकर ओछी राजनीति पर उतर पाई है। बंगाल की जनता सब देख रही है और इसका उपयुक्त जवाब देगी।