भाजपा ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार नाजिया इलाही खान को तृणमूल कांग्रेस का बताया, दिलीप घोष ने बताई वजह
बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष से इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा-उन्हें (नाजिया) को तृणमूल के पार्टी कार्यालय से गिरफ्तार किया गया है तो फिर वह भाजपा की कैसे हुईं? वह एक समय भाजपा में थीं। मैंने पिछले साल से उन्हें पार्टी कार्यालय में नहीं देखा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल भाजपा ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार की गईं नाजिया इलाही खान को तृणमूल कांग्रेस का बताते हुए इस मामले से किनारा कर लिया है। शुक्रवार को बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष से इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा-'उन्हें (नाजिया) को तृणमूल के पार्टी कार्यालय से गिरफ्तार किया गया है तो फिर वह भाजपा की कैसे हुईं? वह एक समय भाजपा में थीं। मैंने पिछले साल से उन्हें पार्टी कार्यालय में नहीं देखा।' घोष ने आगे कहा कि अगर उन्होंने कोई अपराध किया है तो कानून अपना काम करेगा।
गौरतलब है कि नाजिया को गुरुवार को धोखाधड़ी के आरोप में कोलकाता पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनपर अधिवक्ता बनकर मुकदमा लड़ने के लिए कथित तौर पर विभिन्न लोगों से रुपये ठगने का आरोप है। दरअसल नाजिया खुद को सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता के तौर पर पेश करती रही हैं। आरोप है कि उन्होंने रुपये ले लिए लेकिन मुकदमा नहीं लड़ा। यह भी कहा जा रहा है कि नाजिया ने अधिवक्ता होने का दावा तो किया लेकिन उनके पास इसका कोई प्रमाण नहीं है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव अग्रवाल नामक व्यक्ति ने आरोप लगाया था कि नाजिया ने तलाक का मुकदमा लड़ने के लिए उनसे छह लाख रुपये लिए थे लेकिन मुकदमा नहीं लड़ा।
उन्होंने 2020 में गिरीश पार्क थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। पता चला है कि पुलिस ने बार काउंसिल और बार एसोसिएशन को पत्र लिखकर नाजिया के बारे में जानकारी मांगी थी। वहां से नाजिया के अधिवक्ता नहीं होने की पुष्टि की गई, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
गौरतलब है कि जनवरी, 2018 में नाजिया ने दिलीप घोष व पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं रायगंज से सांसद देबश्री चौधरी की मौजूदगी में भाजपा का झंडा थामा था। तीन तलाक के मामले में शिकायतकर्ताओं में से एक इशरत जहां के भाजपा में शामिल होने के तुरंत बाद नाजिया भी भगवा खेमे में आईं थीं।
टीवी डिबेट में भी हिस्सा लेती रही हैं नाजिया
उल्लेखनीय है कि नाज़िया को विभिन्न टीवी चैनलों के डिबेट में भी देखा जाता रहा है। इसमें वह खुद को भाजपा के कानून और श्रम प्रकोष्ठ के नेता के रूप में पेश करती रही हैं। उनके साथ कई नेताओं की नजदीकियों की तस्वीरें भी देखने को मिलती रही हैं। उनके फेसबुक प्रोफाइल पर भी सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता और अल्पसंख्यक नेता लिखा है। वह इंटरनेट मीडिया पर भी काफी सक्रिय रही हैं। वहीं महिलाओं के अधिकारों को लेकर काफी बेबाक टिप्पणी को लेकर सुर्खियों में रही हैं।