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भाजपा ने तृणमूल नेताओं को समूह में शामिल करना बंद किया : कैलाश विजयवर्गीय

बड़ा फैसला तृणमूल नेताओं के धड़ल्ले से पार्टी में शामिल करने पर उपजे असंतोष के कारण लिया निर्णय। अब स्थानीय नेतृत्व के साथ बातचीत के बाद ही पार्टी में होंगे शामिल। पिछले कुछ सालों में भ्रष्टाचार के आरोपित कई नेताओं ने भाजपा का दामन थामा है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2021 10:10 PM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 10:46 PM (IST)
भाजपा ने तृणमूल नेताओं को समूह में शामिल करना बंद किया : कैलाश विजयवर्गीय
बता दें कि बंगाल विधानसभा की 294 सदस्यीय सीटों के लिए अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने की मची होड़ के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मंगलवार को कहा कि पार्टी ने तृणमूल नेताओं को समूह में शामिल करना बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं की जांच किए बिना उन्हें धड़ल्ले से पार्टी में शामिल करने पर भाजपा के भीतर उपजे असंतोष के कारण यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि अब स्थानीय नेतृत्व के साथ बातचीत करने के बाद चुनिंदा नेताओं को ही पार्टी में लिया जाएगा।

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तृणमूल की बी-टीम नहीं हम 

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, हम दागदार छवि वाले नेताओं को पार्टी में शामिल कर भाजपा को तृणमूल की बी-टीम नहीं बनाना चाहते। हम उन लोगों को अपनी पार्टी में शामिल नहीं करना चाहते जिन पर आरोप लगे हैं या वह अनैतिक या अवैध गतिविधियों में लिप्त हैं। उन्होंने कहा, इसलिए आगे से समूह में नेताओं को शामिल नहीं किया जाएगा। आगे से जांच करने के बाद केवल चुनिंदा लोगों को ही शामिल किया जाएगा। 

रोष बढ़ने के बाद लिया निर्णय 

भाजपा के एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी की बंगाल इकाई में रोष बढऩे के बाद यह निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा, समूह में पार्टी में शामिल होने के बहुत से मामलों को लेकर जिले का नेतृत्व खुश नहीं है। इससे पार्टी के भीतर घमासान बढ़ गया है और मामला केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अन्य दलों के उन नेताओं के लिए नियम बनाने की व्यवस्था कर रही है जो पार्टी में शामिल होना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हालांकि पार्टी में शामिल होने को लेकर अंतिम निर्णय केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व ही करेगा, लेकिन जो शामिल होना चाहते हैं उन्हें पार्टी के स्थानीय या जिला नेतृत्व से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर आना होगा। पिछले कुछ सालों में भ्रष्टाचार के आरोपित कई तृणमूल नेताओं ने भाजपा का दामन थामा है। 

भाजपा भ्रमित है : तृणमूल 

इधर, भाजपा के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि भाजपा का फैसला यह दिखाता है कि वह भ्रमित है। तृणमूल के प्रवक्ता व वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने कहा, बंगाल में भाजपा के पास न नेता हैं, न चेहरा है। इसीलिए वह दूसरे दलों से नेता लेकर आ रहे थे। उन्होंने कहा, इससे पार्टी के भीतर घमासान शुरू हो गया है इसलिए उनके पास दरवाजे बंद करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। चुनाव से पहले वह भ्रमित हो गए हैं। बता दें कि बंगाल विधानसभा की 294 सदस्यीय सीटों के लिए अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं।


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