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तस्करों की बड़ी साजिश, BSF को बदनाम करने के लिए ग्रामीणों को उकसा सरकारी वाहन पर करवाया हमला

बीएसएफ (Border Security Force) की सख्ती की वजह से तस्कर (Smugglers) बौखला गए है। तस्करों ने झूठे व मनगढ़ंत आरोप लगाकर बीएसएफ के खिलाफ ग्रामीणों को भड़का कर ट्रैफिक जाम के दौरान बीएसएफ की जिप्सी पर हमला करवा दिया।

By Babita KashyapEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 10:20 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 10:20 AM (IST)
तस्करों की बड़ी साजिश,  BSF को बदनाम करने के लिए ग्रामीणों को उकसा सरकारी वाहन पर करवाया हमला
ग्रामीणों के हमले में क्षतिग्रस्त बीएसएफ की जिप्सी।

 कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर तस्करी व सीमा अपराधों को रोके जाने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर द्वारा लगातार चलाए जा रहे अभियान व सख्ती की वजह से तस्कर बौखला गए है। हताशा में तस्कर आए दिन अब बीएसएफ को बदनाम करने के लिए तरह-तरह की साजिश रच रहे हैं। बंगाल के सीमावर्ती मुर्शिदाबाद जिले में एक ऐसे ही  मामले सामने आए हैं जब तस्करों ने झूठे व मनगढ़ंत आरोप लगाकर बीएसएफ के खिलाफ ग्रामीणों को भड़का कर ट्रैफिक जाम के दौरान बीएसएफ की जिप्सी पर हमला करवा दिया।

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सैकड़ों की संख्या में जुटी ग्रामीणों की भीड़ द्वारा लाठियों और इंटों से किए गए हमले में बीएसएफ के वाहन को भारी नुकसान पहुंचा है। साथ ही वाहन में बैठे जवानों को शारीरिक नुकसान पहुंचाने की भी कोशिश की गई। इस घटना में जिप्सी का सामने का शीशा पूरी तरह टूट गया और एक बड़ा ईंट का टुकड़ा  ड्राइवर के टांग के ऊपर लगा जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। हालांकि बीएसएफ ड्राइवर की सूझबूझ के कारण वहां से जिप्सी को तुरंत निकाल कर सुरक्षित जगह पर ले जाया गया जिसके कारण और अधिक नुकसान नहीं हुआ।

यह घटना शुक्रवार की है। बीएसएफ की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि 26 फरवरी की सुबह लगभग 10:20 बजे 117वीं वाहिनी बीएसएफ के जवान मुर्शिदाबाद जिले में एक जिप्सी से सीमा चौकी- कहारपाड़ा से सीमा चौकी-काकमारीचर जा रहे थे। रास्ते में सागरपाडा-जलंगी रोड के ऊपर गांव खैरताला के नजदीक साहेब नगर बाज़ार में  लगभग 250 ग्रामीणों ने ट्रैफिक जाम कर रखा था। जैसे ही बीएसएफ की जिप्सी वहां पर पहुंची तो गांव के लोगों ने लाठियों और इंटों से बीएसएफ के वाहन की तोड़फोड़ कर दी।

इधर, इस घटना के बाद बीएसएफ ने जब इस हमले के पीछे का कारण जानने की कोशिश की कि रोड पर ट्रैफिक जाम किन कारणों से किया गया  है। सूत्रों से पता चला कि एक व्यक्ति जिसका नाम तूफाजुल शेख (उम्र 62) का 26 फरवरी की सुबह देहांत हो गया। वहां के लोगों का कहना है जब वह व्यक्ति 22 फरवरी को दो अन्य लोगों के साथ खेतों में काम करने गया था तब ड्यूटी पर तैनात बीएसएफ के कार्मिक ने उसे पीटा जिसके कारण बाद में उसकी मौत हो गई। बीएसएफ ने मामले का संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की  तहकीकात की। खबर लगते ही यूनिट कमांडेंट श्री मेहता ने  बॉर्डर पर जाकर सीमा चौकी काकमारीचर में जाकर पूरे मामले की छानबीन की और यह पाया कि उसके किसी जवान ने 22 तारीख को तूफाजुल शेख की पिटाई नहीं की हैl बीएसएफ के अनुसार यह पता चला है कि वह व्यक्ति लंबे समय से बीमार चल रहा था। 25 फरवरी को जब इस व्यक्ति को तेज बुखार आया तो इसको उसके घर वाले नजदीक सागरपाड़ा तथा बाद में  डाकलाम हॉस्पिटल में ले गए। डाकलाम हॉस्पिटल वालों ने उसे दाखिल नहीं किया और बहरामपुर हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया तथा जहां पर रात करीब 12:00 बजे उसकी मृत्यु हो गई।

बीएसएफ के खिलाफ तस्कर  रचते रहते हैं साजिश

बीएसएफ सूत्रों के अनुसार, उस व्यक्ति की मृत्यु हार्ट अटैक से हुई है। लेकिन जब उसके मृत शरीर को उसके गांव में लाया गया तो गांव के कुछ बड़े तस्कर जो कि बीएसएफ के प्रति हमेशा कोई नई से नई साजिश रचते रहते हैं, उन्होंने इस मामले को यह तूल दे दिया और ग्रामीणों को यह कहकर भड़काया कि इस व्यक्ति की मृत्यु बीएसएफ के जवानों द्वारा पिटाई के कारण हुई है। जबकि यथार्थ में यह आरोप बिल्कुल निराधार हैं। बीएसएफ के अनुसार, अगर इस व्यक्ति की  बीएसएफ ने पिटाई की होती तो उसने ना तो इस मामले की रिपोर्ट  बीएसएफ की सीमा चौकी में  की, ना ही ग्राम पंचायत के किसी सदस्य को व प्रधान को इसके बारे में बताया और ना ही पुलिस स्टेशन में इसके बारे में कोई रिपोर्ट लिखवाई।मामले की गहराई में जाते हुए नजदीक सागरपारा सिविल हॉस्पिटल में जाकर जानकारी ली तो पता चला कि वह किसी अन्य बीमारी से ग्रसित था। जिसके कारण उसे बाद में बेहरामपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दिया गया था।

बीएसएफ कर्मियों के खिलाफ लगाए गए आरोप झूठे व मनगढ़ंत

बीएसएफ का कहना है कि उसके कर्मियों के खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह झूठे, मनगढ़ंत और निराधार हैं जोकि गांव सागरपाड़ा तथा गांव काकमारीचार के शातिर तस्करों की साजिश का नतीजा है जिसके द्वारा हमेशा बीएसएफ को बदनाम करने की कोशिश की जाती है। इस घटना में मृत व्यक्ति को सरकार की तरफ से कोई अनुदान राशि दिलाने हेतु ऐसा किया गया है। 

 बीएसएफ ने दर्ज कराई एफआइआर 

बीएसएफ द्वारा पुलिस स्टेशन सागरपाड़ा में उसके सरकारी वाहन और जवानों को सरकारी ड्यूटी के दौरान पहुंचाए गए व्यवधान और नुकसान को लेकर एफआइआर दर्ज करवाई है, ताकि मामले की पूरी छानबीन हो सके। बीएसएफ का यह कहना है कि जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ जाएगा तो पूरे प्रकरण का दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।


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