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भाजपा नेत्री भारती घोष के घर पहुंची सीआइडी, घंटों चली पूछताछ

पूर्व आइपीएस भारती पर आय से अधिक संपत्ति रखने और रंगदारी वसूली समेत 10 मामले दर्ज हैं। इसी सिलसिले में पूछताछ के लिए सीआइडी की टीम पिछले एक साल से तलाश कर रही थी।

By Edited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 06:12 PM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 09:35 AM (IST)
भाजपा नेत्री भारती घोष के घर पहुंची सीआइडी, घंटों चली पूछताछ
भाजपा नेत्री भारती घोष के घर पहुंची सीआइडी, घंटों चली पूछताछ

जागरण संवाददाता, कोलकाता। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में व्यस्त पश्चिम मेदिनीपुर की पूर्व पुलिस अधीक्षक और घाटाल लोकसभा केंद्र की भाजपा उम्मीदवार भारती घोष से पूछताछ करने सीआइडी की एक टीम शुक्रवार की सुबह-सुबह उनके घर पहुंच गई। जांच अधिकारियों ने भारती घोष से घंटों पूछताछ की।

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पूर्व आइपीएस भारती पर आय से अधिक संपत्ति रखने और रंगदारी वसूली समेत 10 मामले दर्ज हैं। इसी सिलसिले में पूछताछ के लिए सीआइडी की टीम पिछले एक साल से तलाश कर रही थी। हालांकि भारती घोष की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। पर विगत 16 अप्रैल को सीआइडी को भारती से पूछताछ के लिए वहां से अनुमति भी मिल गई।

इसके बाद सीआइडी ने बिना समय गंवाए पूछताछ के लिए 17 अप्रैल को भारती घोष को नोटिस भेजा था। भारती घोष ने नोटिस का जवाब देते हुए सीआइडी को 19 अप्रैल यानी शुक्रवार को अपने घर दासपुर आकर पूछताछ करने को कहा था। इसी कड़ी में इस दिन सुबह 9.30 बजे सीआइडी की एक टीम दासपुर स्थित भारती घोष के आवास पर पहुंच गई और घंटों पूछताछ की।

गौरतलब हो कि भारती घोष के खिलाफ आरोप है कि नोटबंदी के दौर में उन्होंने पश्चिम मेदिनीपुर में स्वर्ण विक्रेताओं से सोना तो ले लिया लेकिन बदले में रुपये नहीं दिए। इसके बाद कारोबारियों ने इस मामले में भारती घोष के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जांच में उतरी सीआइडी ने भारती के घर छापामारी की, तो करोड़ों रुपये नकदी और अन्य सामान बरामद हुए थे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में भारती को जमानत दे दी थी और उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया था। इस बीच गत मंगलवार को सीआइडी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर भारती से पूछताछ की अनुमति मांगी थी। तब अदालत ने बिना सख्ती बरते भारती घोष से पूछताछ की इजाजत दे दी थी। मालूम हो कि पश्चिम मेदिनीपुर में पुलिस अधीक्षण करते भारती घोष ने 2011-13 के बीच अपनी कुशल प्रशासनिक दक्षता के बल पर नक्सलवाद से मुक्त किया था।

तब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को उन्होंने जंगलमहल की मां की संज्ञा दी थी। भारती घोष तत्कालीन तृणमूल के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय की करीबी भी कही जाती थी। लेकिन वर्ष 2017 के नवंबर में जब मुकुल राय ने तृणमूल छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया तब 24 दिसंबर 2017 को भारती घोष का तबादला पश्चिम मेदिनीपुर की पुलिस अधीक्षक पद से अपेक्षाकृत कम महत्व के पद पर कर दिया गया।

इससे नाराज होकर भारती घोष ने 29 दिसंबर को नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद दो फरवरी को सीआईडी ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के कई प्रकरण में केस दर्ज कर जाच शुरू कर दी थी। सीआइडी ने भारती घोष समेत नौ लोगों के खिलाफ घाटाल अदालत में चार्जशीट पेश की है। सीआईडी ने दावा किया था कि घोष की संपत्ति आय से अधिक है। भारती घोष समेत उनके सुरक्षाकर्मी सुजीत मंडल, पति एमएवी राजू और कई अन्य के खिलाफ चार्जशीट पेश किए गए हैं।


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