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Bhabanipur by elections: ममता के खिलाफ वकील ही नहीं, अचार विक्रेता, योगा ट्रेनर से लेकर प्रधानाध्यापक तक उम्मीदवार

बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में सिर्फ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी या फिर भाजपा की वकील प्रियंका टिबड़ेवाल या फिर माकपा के वकील श्रीजीब विश्वास ही चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। इस सीट से कुल 12 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इनमें छह प्रत्याशी निर्दलीय हैं

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 04:44 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 04:44 PM (IST)
Bhabanipur by elections: ममता के खिलाफ वकील ही नहीं, अचार विक्रेता, योगा ट्रेनर से लेकर प्रधानाध्यापक तक उम्मीदवार
ममता के खिलाफ भवानीपुर सीट से 12 प्रत्याशी

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में सिर्फ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी या फिर भाजपा की वकील प्रियंका टिबड़ेवाल या फिर माकपा के वकील श्रीजीब विश्वास ही चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। उने खिलाफ वित्तीय सलाहकार, योग ट्रेनर, स्कूल प्रिंसिपल, अचार बेचने वाला, स्टेशनरी की दुकान चलाने वाला और एक शास्त्रीय संगीतकार भी मैदान में हैं। इस सीट से कुल 12 प्रत्याशी अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इनमें से छह प्रत्याशी निर्दलीय हैं, जबकि तीन छोटे दलों से हैं।

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नंदीग्राम में हार के बाद ममता के उपचुनाव लड़ने की चर्चा के अलावा, ये उम्मीदवार सीट को दिलचस्प बना रहे हैं। जहां कुछ एस प्रत्याशी हैं जो सिर्फ मनोरंजन और नाम कमाने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं तो कुछ का दावा है कि वह बदलाव के लिए मैदान में हैं। इसके अलावा, कुछ डमी उम्मीदवार भी हैं। अचार बेचने और स्वयं सहायता समूह का प्रबंधन करने वाली रूमा नंदन का तर्क है कि वह प्रसिद्धि पाने के लिए चुनाव लड़ रही हैं। वहीं 60 वर्षीय सुब्रत बोस और 50 साल के मलय गुहा राय सिर्फ मनोरंजन के लिए चुनावी अखाड़े में कूदे हैं। अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल में दोनों ने तृणमूल की योजनाओं और कार्यक्रमों को खूब शेयर किया है।

वित्तीय सलाहकार बोस का कहना है कि मैंने नंदीग्राम में भी चुनाव लड़ा था और 77 वोट हासिल किए थे। जहां पर मुझे कोई नहीं जानता था, वहां मुझे लोकप्रियता मिली। मुझे बहुत मजा आया। लेकिन कम से कम एक निर्दलीय उम्मीदवार और छोटे दलों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो अन्य उम्मीदवारों ने कड़ी चुनौती पेश करने का संकल्प लिया। पर्यावरण अध्ययन और शास्त्रीय संगीत में स्वर्ण पदक विजेता चंद्रचूर गोस्वामी (32) ने का कहना है कि मैं यहां भ्रष्टाचार और चुनाव के बाद की हिंसा के खिलाफ लड़ने के लिए हूं।

तीन साल पुरानी पार्टी भारतीय न्याय अधिकार रक्षा पार्टी का प्रतिनिधित्व करने वाली योग प्रशिक्षक स्वर्णलता सरकार और बहुजन महा पार्टी से स्टेशरी दुकान के मालिक मंगल सरकार भी बदलाव लाने के लिए चुनाव लड़ने का दंभ भर रहे हैं। कोलकाता के एक निजी स्कूल के प्रधानाचार्य सतद्रू राय भी चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि, असली मुकाबला तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी और भाजपा की प्रियंका टिबड़ेवाल के बीच होने की उम्मीद है और वाममोर्चा समर्थित माकपा प्रत्याशी मुकबाले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में है।


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