Move to Jagran APP

Bengal Violence: अब एनएचआरसी की तर्ज पर बंगाल सरकार भी तैयार करेगी रिपोर्ट

Bengal Violence एनएचआरसी की तर्ज पर आम लोगों से बात कर चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर रिपोर्ट तैयार करने पर विचार कर रही है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि एनएचआरसी ने रिपोर्ट में दुष्कर्म हत्या से जुड़े जिन मामलों का जिक्र किया है वह उसे नहीं मिले हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sun, 18 Jul 2021 08:16 PM (IST)Updated: Sun, 18 Jul 2021 08:16 PM (IST)
Bengal Violence: अब एनएचआरसी की तर्ज पर बंगाल सरकार भी तैयार करेगी रिपोर्ट
अब एनएचआरसी की तर्ज पर बंगाल सरकार भी तैयार करेगी रिपोर्ट। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। अब बंगाल सरकार भी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की तर्ज पर आम लोगों से बात कर चुनाव बाद हुई हिंसा को लेकर रिपोर्ट तैयार करने पर विचार कर रही है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि एनएचआरसी ने अपनी रिपोर्ट में दुष्कर्म, हत्या से जुड़े जिन मामलों का जिक्र किया है, वह उसे नहीं मिले हैं। लिहाजा इसकी सच्चाई जानने के लिए वह सीधे पीड़ितों से बात करेगी। बताते चलें कि चुनाव बाद हिंसा पर एनएचआरसी ने पिछले दिनों कलकत्ता हाईकोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंपी है जिसमें राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की गई है। प्रशासनिक सूत्रों के मुताबिक आयोग की रिपोर्ट के कई बयानों को पुलिस समझ नहीं पा रही है।

loksabha election banner

उदाहरण स्वरूप चुनाव बाद हिंसा में दुष्कर्म के आरोप हैं, लेकिन सरकार को आयोग की रिपोर्ट का संबंधित हिस्सा नहीं मिला है। कई पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 430 पन्नों के 'एनेक्सचर-आई' को हाथ में मिले बिना इस मुद्दे को समझना मुश्किल है। क्योंकि, राज्य में चुनाव के बाद दुष्कर्म की कोई घटना नहीं घटी है। आयोग की रिपोर्ट में लगभग ढाई सौ मामलों का विवरण है। शिकायतकर्ताओं की संख्या दो हजार के करीब है। कुछ पुलिस अधिकारी कह रहे हैं कि यही वजह है कि वे लोगों की बातें सुनने की सोच रहे हैं। क्योंकि राज्य को जल्द ही अदालत में अपना पक्ष रखना होगा। ऐसा माना जाता है कि जिला पुलिस की रिपोर्ट बयान देने में उपयोगी साबित हो सकती है। बताते चलें कि चुनाव बाद हिंसा की शिकायतें मिलने के बाद सरकार ने पहले ही जिलों से पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों पर रिपोर्ट देने को कहा है।

कानून के जानकारों ने कहा-हाईकोर्ट के लिए राज्य सरकार की रिपोर्ट खास मायने नहीं रखेगी

इधर कानून के जानकारों का कहना है कि दरअसल राज्य सरकार अपने बचाव के लिए यह रिपोर्ट तैयार कर रही है। कोर्ट में अगर जरूरत पड़े तो वह आम लोगों से बात की गई रिपोर्ट का सहारा लेगी। लेकिन हाईकोर्ट के लिए यह रिपोर्ट खास मायने नहीं रखेगी। अब कोर्ट पर निर्भर करेगा कि वह इसे तवज्जो देता है या नहीं। लेकिन हाईकोर्ट एनएचआरसी की सिफारिशों पर विचार करने के लिए बाध्य है क्योंकि उसी के निर्देश पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.