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मृत भाजपा कार्यकर्ता के भाई ने सीबीआइ को बताया, मेरे भाई की हत्या की जा रही थी और पुलिस सामने खड़ी थी

चुनाव बाद हिंसा में जिनलोगों की जान गई थी उनमें कोलकाता के भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार भी थे। सीबीआइ के संयुक्त निदेशक अनुराग के नेतृत्व में एजेंसी के अधिकारियों की एक टीम ने गुरुवार को अभिजीत  के घर जाकर उनके परिजनों से बात की।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 27 Aug 2021 07:44 PM (IST)Updated: Fri, 27 Aug 2021 07:44 PM (IST)
मृत भाजपा कार्यकर्ता के भाई ने सीबीआइ को बताया, मेरे भाई की हत्या की जा रही थी और पुलिस सामने खड़ी थी
चुनाव बाद हिंसा में नदिया में मृत दो भाजपा कार्यकर्ताओं के घर जांच को पहुंची सीबीआइ

राज्य ब्यूरो, कोलकाता! चुनाव बाद हिंसा में जिनलोगों की जान गई थी, उनमें कोलकाता के भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार भी थे। सीबीआइ के संयुक्त निदेशक अनुराग के नेतृत्व में एजेंसी के अधिकारियों की एक टीम ने गुरुवार को अभिजीत  के घर जाकर उनके परिजनों से बात की। इससे पहले बुधवार को अभिजीत के भाई विश्वजीत सीबीआइ आफिस गए थे। इसके बाद उसने कहा कि मैंने अपने पास मौजूद सभी सबूत जमा कर दिए हैं। गुरुवार को सीबीआइ की टीम घर आई। मैंने दो मई की पूरी घटना सुनाई जब मेरे भाई को तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने मार डाला और पुलिस वहां खड़ी थी।

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उन्होंने दावा किया कि इस मामले में तृणमूल के कई नेता शामिल हैं। साथ ही उनका यह भी कहना है कि कुछ पुलिस अधिकारियों ने उनके भाई की हत्या को लेकर सबूत नष्ट करने की भी कोशिश की थी। विश्वजीत का कहना है कि जब मेरा भाई मर रहा था, तब नारकेलडांगा थाने के कुछ अधिकारी वहां खड़े थे। वे तृणमूल के प्रभावशाली नेताओं के साथ हैं। मैंने इसमें स्थानीय विधायक परेश पाल की भूमिका का जिक्र किया है। सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है।

इससे पहले अगस्त में कलकत्ता हाई कोर्ट ने पुलिस को अभिजीत सरकार की दूसरी आटोप्सी रिपोर्ट और डीएनए रिपोर्ट सीबीआइ को सौंपने का आदेश दिया था। विश्वजीत ने बताया कि उनका अगला लक्ष्य मुर्दाघर में पड़े अभिजीत के शव का डीएनए रिपोर्ट हासिल करना है। उन्होंने कहा कहा कि अगर डीएनए मैच होता है, तो हम शव को अंतिम संस्कार के लिए ले जाएंगे। लेकिन हमें डर है कि अगर यह डीएनए से मेल नहीं खाता है तो क्या होगा? सवाल यह होगा कि मेरे भाई का शव कहां है? दो मई में अभिजीत सरकार की पत्नी तो उनकी हत्या की चश्मदीद भी हैं ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि भीड़ ने उनके गले में सीसीटीवी कैमरे का तार बांध दिया।

गला दबाया। ईंट और डंडों से पीटा। सिर फाड़ दिया और मां के सामने उनकी बेरहमी से हत्या कर दी। आंखों के सामने बेटे की हत्या होते देख उनकी मां बेहोश होकर मौके पर ही गिर गईं थी। अभिजीत सरकार की दो मई को उनके घर से बाहर घसीट कर हत्या कर दी गई थी। हमले से ठीक पहले वे दो बार फेसबुक पर लाइव हुए थे और तृणमूल के गुंडों के हमले को लेकर बताया था। अभिजीत सरकार ने फेसबुक लाइव के माध्यम से अपनी बात रखी थी। उन्हें पता भी नहीं था कि फेसबुक पर लाइव कैसे आते हैं, लेकिन उन्होंने किसी तरह वीडियो बनाया था।


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