Bengal post poll Violence: सीबीआइ ने बंगाल में हिंसा पीड़ितों के स्वजनों से बात कर नौ मामले किए दर्ज
चुनाव के बाद हुई हिंसा के सिलसिले में सीबीआइ ने जांच के लिए 109 अधिकारियों की टीम गठित करने के बाद अब नौ मामले दर्ज किए हैं। जांच के लिए गठित सीबीआइ की सभी चार इकाइयों ने कोलकाता से अपने दलों को संबंधित अपराध स्थलों पर भेजा है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा मामले को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने जांच को लेकर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। चुनाव के बाद हुई हिंसा के सिलसिले में सीबीआइ ने जांच के लिए 109 अधिकारियों की टीम गठित करने के बाद अब नौ मामले दर्ज किए हैं। गुरुवार को सीबीआइ के सूत्रों ने यह जानकारी दी। इसके साथ ही हिंसा की जांच के लिए गठित सीबीआइ की सभी चार इकाइयों ने कोलकाता से अपने दलों को संबंधित अपराध स्थलों पर भेजा है।
सूत्रों के मुताबिक पश्चिम बंगाल पुलिस की तरफ से सीबीआइ को हिंसा के संबंध में अनेक जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं जिनके आधार पर केंद्रीय जांच एजेंसी ने नौ मुकदमे दर्ज किए हैं। इनमें एक दुष्कर्म और आठ हत्या के मामले बताए जा रहे हैं।सीबीआइ की टीम आज कोलकाता के कांकुड़गाछी में मृत भाजपा नेता अभिजीत सरकार के घर पर भी पहुंची जिनकी विधानसभा चुनाव के नतीजे के दिन हत्या कर दी गई थी।
अधिकारियों ने उनके स्वजनों से बात की। इधर आज सुबह अभिजीत सरकार के भाई ने कोलकाता पुलिस की होमीसाइड शाखा के दो पुलिस अधिकारियों को घर में प्रवेश करने से मना कर दिया। उनका आरोप है कि पुलिस अधिकारी उन्हें सादे कागज पर दस्तखत करने के लिए दबाव दे रहे थे। इसके अलावा सीबीआइ की टीम आज उत्तर 24 परगना के भाटपाड़ा इलाके में भी गई जहां चुनाव बाद व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी।
सीबीआइ टीम को मुहैया कराई गई अतिरिक्त सुरक्षा
- दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से सीबीआइ की टीम को अतिरिक्त सुरक्षा मुहैया कराई गई है। इसके तहत अतिरिक्त चार कंपनी सीआरपीएफ की होगी। इनमें दो कोलकाता में तथा दो जिलों में सीबीआइ टीम की सुरक्षा में तैनात रहेगी।
बताते चलें कि हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ ने चुनाव बाद हत्या, हत्या के प्रयास, दुष्कर्म समेत गंभीर मामलों की जांच करेगी और जबकि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में तीन आइपीएस अफसरों की विशेष जांच टीम (एसआइटी) कम गंभीर मामलों की जांच करेगी। सीबीआइ ने जांच के लिए बंगाल को चार जोनों में बांटा है। इन चार जोनों की सीबीआइ टीम का नेतृत्व संयुक्त निदेशक स्तर के चार अधिकारी करेंगे, जो कोलकाता पहुंचे हैं।