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Bengal Assembly Elections 2021: राजनीतिक दलों के नेताओं की आपस में बढ़ती बदजुबानी

Bengal Assembly Elections 2021 पिछले कुछ दिनों से यह देखा जा रहा है कि बंगाल में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं तृणमूल नेताओं की बदजुबानी निरंतर बढ़ती जा रही है। धीरे-धीरे यह विकराल रूप ले सकता है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 21 Jan 2021 09:49 AM (IST)Updated: Thu, 21 Jan 2021 09:50 AM (IST)
Bengal Assembly Elections 2021: राजनीतिक दलों के नेताओं की आपस में बढ़ती बदजुबानी
आखिर ऐसा क्यों? इस पर राजनीतिक दलों को विचार करना होगा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Bengal Assembly Elections 2021 बंगाल में विधानसभा चुनाव की घोषणा जल्द होने वाली है। उससे पहले राजनीतिक दलों के नेताओं व कार्यकर्ताओं की बदजुबानी बढ़ती जा रही है। पिछले वर्ष देश के गद्दारों को, गोली मारो.. को दिल्ली में एक नारा गूंजा था, जिसे लेकर भारतीय जनता पार्टी की काफी किरकिरी हुई थी। परंतु अब देखा जा रहा है कि बंगाल में जैसे-जैसे चुनाव का वक्त आता जा रहा है, तृणमूल के नेताओं की बदजुबानी बढ़ती जा रही है।

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तृणमूल के नेता कुणाल घोष भाजपा नेता शोभन चटर्जी के बेड रूम तक की बात सार्वजनिक सभा में बोल दे रहे हैं तो तृणमूल के एक अन्य नेता मदन मित्र कहते हैं कि बंगाल मांगोगे तो चीर देंगे। इतना ही नहीं, तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने तो सीता माता और प्रभु श्रीराम को लेकर जो विवादित बयान दिया, उसकी चहुंओर निंदा हो रही है। इस पर तृणमूल नेता व पूर्व परिवहन मंत्री मदन मित्र ने कहा कि अगर सुवेंदु अधिकारी चुनाव जीत गए तो वे अपने हाथ का पंजा काट लेंगे।

आखिर इतनी कटुता क्यों? चुनाव में हार-जीत होता ही है। हर पांच वर्ष पर विधानसभा का चुनाव होगा। गणतंत्र में कभी ऐसा नहीं हुआ है कि एक ही दल की सत्ता पर हमेशा काबिज रहा है। परंतु देखा जा रहा है कि हालात यहां तक पहुंच गए हैं कि निचले स्तर पर मारपीट, पथराव, गोली और बम तो चल ही रहे हैं, लेकिन शीर्ष नेता भी भड़काऊ बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसी का नतीजा है कि तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने राज्य के दो मंत्रियों की मौजूदगी में मंगलवार को कोलकाता में शांति रैली निकाली थी और उसमें नारे लग रहे थे, बंगाल के गद्दारों को गोली मारो.. को। हालांकि इस नारे से तृणमूल ने खुद को अलग कर लिया और यह नारा लगाने वाले र्कायकर्ताओं को फटकार भी लगाई।

तृणमूल नेता ने कहा कि पार्टी इसका समर्थन नहीं करती। गोली मारो.. शब्दों को शब्दश: नहीं लेना चाहिए। जबकि यही तृणमूल के नेता जब टीवी चैनलों पर जाते हैं तो भाजपा की गोली मारो नारे को लेकर खूब भला-बुरा कहते रहे हैं। परंतु अब उन्हीं की पार्टी के कार्यकर्ता और नेता इस तरह के नारे लगा रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल पर निशाना साधा। हालांकि इसके अगले दिन हुगली के चंदननगर में आयोजित रोड शो के दौरान भाजपा कार्यकताओं की नारेबाजी का एक वीडियो सामने आया है। इसमें वे देश के गद्दारों को, गोली मारो .. को के नारे लगाते नजर आ रहे हैं। आखिर ऐसा क्यों? इस पर राजनीतिक दलों को विचार करना होगा और इस पर लगाम लगाना होगा। अन्यथा धीरे-धीरे यह विकराल रूप ले सकता है।


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