Bengal Politics: बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल और भाजपा के बीच बढ़ता सियासी तनाव खतरनाक
आखिर राज्यपाल को ये बातें क्यों कहनी पड़ रही हैं? क्या सियासी वर्चस्व कायम रखने के लिए हिंसा का सहारा लेना जरूरी है? इस पर गंभीरता से आत्म मंथन करने की जरूरत है क्योंकि राजनीतिक हिंसा को लेकर बंगाल की काफी बदनामी पहले ही हो चुकी है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में सियासी तनाव दिन-प्रतिदिन चरम की ओर बढ़ता जा रहा है। पिछले तीन दिनों में कोलकाता से लेकर दक्षिण 24 परगना जिले तक में जो घटनाएं हुई हैं इसके बाद ऐसा लगने लगा है कि आने वाले समय में स्थिति और भी विकट हो सकती है, क्योंकि जिस तरह से सत्तारूढ़ तृणमूल और भाजपा के बीच रंजिशें लगातार बढ़ रही हैं उससे ऐसा लग रहा है कि चुनाव आते-आते हालात बदतर हो सकते हैं।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की गाड़ी समेत उनके काफिले पर हुए हमले के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर उनके पार्टी नेताओं ने जिस तरह के बयान दिए हैं उससे यह प्रमाणित हो रहा है कि विवाद थमने वाला नहीं है। इस बीच गुरुवार को हुए हमले को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। साथ ही उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री की आलोचना भी की।
भाजपा को लगातार बाहरी पार्टी करार देने संबंधी ममता की टिप्पणी की निंदा करते हुए धनखड़ ने उनसे ऐसी राजनीति से दूर रहने को कहा जो राष्ट्रीय ताने-बाने को कमजोर करती है। धनखड़ का तर्क है कि राज्यपाल डाकघर नहीं है। वह राजभवन में ही सीमित नहीं रह सकता, जब मानवाधिकारों का उल्लंघन हो। राज्यपाल अपनी शपथ का अनुपालन करेगा चाहे कुछ भी हो। संविधान की रक्षा करना उनका कर्तव्य है। ममता बनर्जी से कहा कि वह आग से नहीं खेलें।
इसके बावजूद भी यदि सत्ताधारी दल इसे लेकर गंभीर नहीं है तो फिर उसे क्या कहा जाएगा? जिस तरह से जांच से पहले ही नड्डा के काफिले पर हुए हमले को अन्य रंग दिया जाने लगा उससे तो यही साबित होता है कि कहीं न कहीं इस पूरे मामले की लीपापोती करने की पहले ही तैयारी हो चुकी थी। हिंसा से आज तक किसी का भला नहीं हुआ है। ऐसी घटनाओं के दूरगामी प्रभाव होते हैं, जिसका एक बड़ा उदाहरण आज बंगाल के वामपंथी दल एवं कांग्रेस हैं। आज उसी राह पर तृणमूल भी अग्रसर हो रही है। यह गणतंत्र के लिए शुभ नहीं है। हमारा देश गणतांत्रिक है। हर व्यक्ति स्वतंत्र है। ऐसे में यदि किसी पर कहीं जाते समय हमला होता है तो यह कानूनी अपराध है।